13वीं सदी से पुरी के मंदिर में

दुनिया को रसगुल्ले की सौगात किसने दी शायद आज तक यह बात बहुत कम लोगों को पता है, लेकिन अब इसके जन्म को लेकर दो राज्य आमने सामने आ गए हैं। ओडिशा और पश्चिम बंगाल के बीच चल रही रही यह अंदरूनी जंग काफी तेजी पकड़ती जा रही हैं। उड़ीसा का दावा है कि पहला रसगुल्ला उसके राज्य में जन्मा है। उसके यहां यह 13वीं सदी से पुरी के मंदिर में बनाया जा रहा है। यह साफ है कि है कि रसगुल्ल्ो की देन ओडिशा की है। वहीं इस दूसरी ओर पश्चिम बंगाल का दावा है कि कलकत्ता के नबीन चंद्र दास ने इस मिठाई को खोजा है। उनकी यह मिठाई कई दशक पुरानी है। जो आज पूरे देश में पसंद की जा रही है। जिससे साफ है कि इसका ईजाद पश्चिम बंगाल में ही हुआ है।

गहनता से अध्ययन  होगा

वहीं इस रसगुल्ल्ो की जंग को लेकर अब ओडिशा सरकार ने इस मामले को गंभीरत से लेते हुए तीन समितियों का गठन किया है। इस संबंध में विज्ञान-तकनीक एवं उच्च शिक्षा मंत्री प्रदीप पाणिग्रही का कहना है कि अब इसका गहनता से अध्ययन किया जाएगा और इस जंग पर विराम लगाया जाएगा। इन जॉच समितियों में लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग और संस्कृति विभाग के सदस्य शामिल होंगे हैं। जो कि अब इसका गहना से अध्यन करेंगे कि हकीकत में रसगुल्ल्ो का ईजाद किस राज्य में हुआ है। उनका कहना है कि ये जांच समितियां मामले की गंभीरता को देखते हुए एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंप देंगी। जिससे बस अब दोनों राज्यों को एक सप्ताह तक धैर्य रखना होगा।

Hindi News from India News Desk

National News inextlive from India News Desk