अक्सर फंस जाती है पुलिस

 साइबर की एबीसीडी में अक्सर पुलिस फंस जाती है. एटीएम घर में है तो पैसा कैसे एटीएम से निकल गया. आपने मेल किया नहीं तो कैसे किसी ने आपके नाम के ईमेल से धमकी दे दी. फोन आपने किया नहीं और आपके मोबाइल नंबर से काल आ गई. है ना अजीब! लेकिन ऐसा ही हो रहा है. यह ही साइबर क्राइम. जो दिखता है एक्चुअली वह होता नहीं. साइबर के इस क्राइम में हम-आप क्या पुलिस भी घनचक्कर बन जाती है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. संडे को उत्तर प्रदेश पुलिस के साइबर सुरक्षा सलाहकार राहुल मिश्रा ने फेसबुक हैकिंग, फेक मेल और साइबर फ्राड के बारे में केसेज साल्व करने का तरीका बताया.

मैं CM बोल रहा हूं....

साइबर को समझना आसान नहीं था. उसके एग्जाम्पल के साथ एक्सपर्ट ने डिमांस्टे्रशन करके बताया. शुरुआत हुई सीएम के नाम से मांगे जाने वाले चंदा को लेकर. दरअसल, कुछ माह पहले मेरठ में पोस्टेड एक आईपीएस को किसी ने कॉल किया.  मोबाइल पर नंबर सीएम के घर का था. फोन रिसीव करते हुए कॉल करने वाले ने कहा था कि मैं सीएम अखिलेश बोल रहा हूं. मेरा एक कार्यकत्र्ता आपके पास जा रहा है. उसे 35 लाख रुपए चंदा की व्यवस्था करके दे देना. आईपीएस को बेवकूफ बनाना आसान नहीं था लेकिन पुलिस टीम भी घनचक्कर हो गई. शक के आधार पर सीडीआर निकाली गई तो पता चला कि फोन उसी नंबर से आया है. इस केस की जांच लखनऊ साइबर सेल को मिली. साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा और मोहम्मद शमीम ने केस की जांच पड़ताल के बाद खुलासा किया. दरअसल, आईपीएस को फोन करने के लिए इंटरनेट की मदद से कॉल किया गया था जिसे कॉल स्पूफिंग कहते हैं. जिस सिस्टम से किसी को भी हम मनचाहे नंबर से कॉल कर सकते हैं. फिर आईपी एड्रेस की मदद से आरोपी को पकड़ कर पुलिस ने जेल भेजा. आजकल साइबर सेल में पांच तरह के क्राइम बहुत ज्यादा हो रहे हैं जिसका खुलासा करने के लिए एक्सपर्ट ने इलाहाबाद रेंज की पुलिस टीम को टिप्स दिए.

Crime no 1

-किसी ने किसी लड़की का प्रोफाइल बनाकर न्यूड पिक्चर अपलोड कर दी..

एसएसपी के ईमेल से फेसबुक को मेल करके संबंधित प्रोफाइल का आईपी एडे्रस मंगा लें. आईपी एड्रेस से पता चल जाएगा कि कहां से मेल किया गया है. फिर आसानी से आरोपी को ट्रेस किया जा सकता है.

Crime no 2

एटीएम कार्ड से इंटरनेट शॉपिंग. चोरी करके या नंबर व पासवर्ड चोरी करके

-इलाहाबाद में इस तरह का क्राइम सबसे ज्यादा हो रहा है. इसको साल्व करने के लिए पुलिस टीम को बैंक से प्वाइंट ऑफ सेल की डिटेल मंगाना होगा. जिसके बाद आरोपी के ईमेल और फोन नंबर की मदद से ट्रेस किया जा सकता है.

Crime no 3

-फेक ईमेल आईडी से किसी को जान से मारने की धमकी देना

फेक ईमेेल आईडी को पता करना भी ज्यादा कठिन नहीं है. इसके लिए भी पुलिस को जीमेल या जिस कंपनी की आईडी बनी हो, उससे पुलिस मेल करके आईपी एडे्रस हासिल करके आरोपी का पता लगा सकती है.

Crime no 4

यह प्राब्लम पूरे देश में हैं. आए दिन किसी न किसी को 4 डिजिट के नंबर से फोन आता है. कभी कोई धमकी देता है तो कभी कोई शरारत भरी बातें करता है. ऐसे शरारती तत्वों को ट्रेस करने के लिए मोबाइल कपंनी से सीडीआर की जगह वीओआईपी की डिटेल मांगी जाती है. जिससे सब कुछ क्लीयर हो जाता है.

Crime no 3

किसी के वेबसाइट पर न्यूड वीडियो अपलोड करना. इस केस में भी सारी जांच आईपी एडे्रस पर डिपेंड हो जाती है. पुलिस की जांच तभी शुरू होगी जब उसे आईपी एड्रेस मिल जाएगा.

Public रहे alert

-साइबर क्रिमिनल्स लॉटरी के नाम पर बड़ी कंपनियों के नाम से फेक ईमेल करते हैं.

-कंपनी के नाम पर कोई भी मैसेज आने पर पैसे की लेन देन न करें

-अगर कोई बैंक डिटेल मांगे तो समझ जाएं कि फ्राड का शिकार हो सकते हैं

-एटीएम कार्ड यूज करते रहें, एलर्ट अकेले करें एटीएम यूज

-किसी को भी नंबर और पासवर्ड देने की गलती न करें

-पिक्चर अपलोड करने पर साइबर क्राइम के तहत तीन साल तक सजा

- किसी को चार या छह डिजीट से कॉल आ रहे हो ंतो समझे फेक नंबर है