20 साल से सलाखों के पीछे

डेनियल... नाम तो सुना ही होगा. अक्सर मीडिया की सुर्खियों में रहा तमिलनाडु का वह शख्स जो कभी अपनी कंपनी की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार हुआ था. कानून ने धोखाधड़ी के जुर्म की सजा सुनाई थी तीन साल लेकिन..., कहने भर के ये तीन बरस उसकी जिंदगी के लिए नासूर बन गए. एक बार जेल की चहारदीवारी में कदम क्या रखे, 20 साल तक सलाखों के पीछे छटपटाना नसीब बन गया.

नहीं चुका पाया जुर्माने की रकम

11 साल उस जुर्म की सजा काटी, जो उसने कभी किया ही नहीं था. वह खुद पर लगे 96 हजार के जुर्माने को चुका नहीं पाया और जेल में ही बना रहा. अलबत्ता, लंबे अंतराल के बाद कभी न भुलाने वाले और अपने तरीके के अनोखे मामले का पटाक्षेप हो रहा है... डेनियल की रिहाई के साथ. बरेली के एडशिनल चीफ जूडिशियल मजिस्ट्रेट-6 विकास गोयल ने डेनियल की रिहाई के आदेश दिए.

फैसले से सभी खुश

इस फैसले से न केवल डेनियल बल्कि जेल के वे तमाम कैदी भी खुश हैं, जो उसकी तन्हाई के साथी बने. डेनियल की रिहाई में जागर जनकल्याण समिति के डॉ. प्रदीप कुमार ने अहम भूमिका निभाई है.

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