पुलिस वर्दी सिलने वाले दर्जियों के यहां पहुंची

दरअसल, तीन दिन पहले आर्मी इंटेलीजेंस को फोन आया, जिसमें धमकी दी गई थी कि वह भारतीय सैन्य अकादमी को उड़ा देंगे। हालांकि, अभी तक पुलिस और खुफिया एजेंसियां उस फोन कॉल करने वाली की पहचान तक नहीं कर सकीं हैं। मगर, आइएमए को पूर्व में मिली धमकियों को देखते हुए आतंकी साजिश से इन्कार भी नहीं किया जा सकता। ऐसे में पुलिस इस सूचना के बाद से अलर्ट है। आइएमए के पास रोजाना चेकिंग करने के साथ ही आसपास रहने वालों का सत्यापन भी किया जा रहा है। वहीं शुक्रवार को शहरभर में वर्दी सिलने वाले दर्जियों के यहां पहुंची।

अनजान व्यक्ति को वर्दी से जुड़ा सामान न दें

यहां उनके यहां काम करने वाले युवकों का सत्यापन करने के साथ उन्हें नोटिस देते हुए हिदायत दी कि किसी भी अनजान व्यक्ति के लिए पुलिस या सेना की वर्दी नहीं सिलेंगे। इसके लिए वह संबंधित व्यक्ति से लिखित अनुमति मांगे। यदि वह व्यक्ति आनाकानी करता है तो इसकी जानकारी निकटवर्ती थाने को दें। ऐसा न करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्हें बताया गया कि अनजान व्यक्ति को वर्दी से जुड़ा सामान भी तभी दें, जब पहचान पत्र संबंधित के पास मौजूद हो। पुलिस ने वर्दी खरीदने एवं सिलवाने वालों का एक रजिस्टर भी तैयार करने का निर्देश सभी दर्जियों को दिया है।

सुरक्षा के लिहाज से यह अभियान चलाया जा रहा

नाभा जेल ब्रेक में आरोपितों ने पंजाब पुलिस की वर्दी का इस्तेमाल किया था। चूंकि आरोपित रायपुर के डांडा लखौंड और अमन विहार में छह महीने से अधिक समय से ठहरे थे, ऐसे में माना जा रहा था कि यह वर्दी आरोपितों ने देहरादून में ही कहीं सिलाई होगी। इस लिहाज से भी अभियान अहम माना जा रहा है। मगर चौंकाने वाली बात यह कि नाभा जेल ब्रेक के डेढ़ साल से अधिक का समय गुजर जाने के बाद पुलिस इसकी याद आई। वहीं इस संबंध में एसएसपी निवेदिता कुकरेती सुरक्षा के लिहाज से यह अभियान चलाया जा रहा है। ताकि सेना या पुलिस की वर्दी का दुरुपयोग न किया जा सके।

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