नई दिल्ली(एजेंसियां)। भाजपा नेता कपिल मिश्रा उत्तर-पूर्व दिल्ली में सीएए के समर्थन में रविवार को भीड़ को संबोधित करते हुए दिए गए अपने भाषण के बाद से विवादों में घिर गए हैं। भाजपा नेता कपिल मिश्रा विपक्षी नेताओं और सोशल मीडिया यूजर्स के एक बड़े वर्ग के निशाने पर आ गए। एक ओर जहां कुछ लोग कपिल मिश्रा को आतंकवादी कहने के साथ ही उन्हें अरेस्ट करने की मांग कर रहे हैं। वामपंथी नेता वृंदा करात ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखा, पूर्वोत्तर दिल्ली में हिंसा के लिए कपिल मिश्रा को दोषी ठहराते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की है।

कपिल मिश्रा को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे

वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता अपनी बात पर कायम है। उनका कहना है कि उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा। कपिल मिश्रा ने आज भी सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर पोस्ट किया कि जिन्होंने कभी बुरहान वानी और अफजल गुरु तक को आतंकवादी नहीं माना वो कपिल मिश्रा को आतंकवादी बता रहे हैं जो याकूब मेनन , उमर खालिद और शरजील इस्लाम को रिहा करवाने कोर्ट जाते हैं वो कपिल मिश्रा को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं। जय श्री राम

सीएए का समर्थन करके अपराध नहीं किया

इसके पहले मंगलवार को भी कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया था कि उनके संग दुर्व्यवहार हो रहा है और उनको मौत की धमकी जारी की गई है। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने सीएए का समर्थन करके अपराध नहीं किया है। मुझे मारने के लिए कई लोगों के फोन आ रहे हैं। राजनेताओं और पत्रकारों सहित कई लोग मुझे गाली दे रहे हैं लेकिन, मुझे डर नहीं है क्योंकि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। बंद सड़कों को खुलवाने को कहना कोई गुनाह नहीं है।

दिल्ली पुलिस को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया

बता दें कि कपिल मिश्रा ने रविवार को उत्तर-पूर्व दिल्ली के मौजपुर क्षेत्र में जाफराबाद के निकट नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के पक्ष में एक रैली का नेतृत्व किया था। इस दाैरान रैली में उन्होंने नागरिकता कानून का विरोध कर रहे लोगों को हटाने के लिए दिल्ली पुलिस को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था। इसके बाद वी सीएए के पक्ष व विपक्ष के लोगों में झड़पें शुरू हो गई। रविवार से अब तक 21 लोगों की मौत हो गई है और 180 से अधिक घायल हैं।

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