-अचानक होमगार्ड के गायब होने से बिगड़े शहर के हालात
- ट्रैफिक व्यवस्था के साथ-साथ थानों में होने वाले काम भी प्रभावित
- यूपी में 91 हजार होमगार्ड कर रहे ड्यूटी
- 17000 होमगार्ड्स पुलिस विभाग में कर रहे ड्यूटी
- 8000 होमगार्ड्स पुलिस विभाग ने वापस किए होमगार्ड्स
- 32 से 35 प्रतिशत को नहीं मिलेगी ड्यूटी
- 50335 शासन से स्वीकृत होमगाडर््स की संख्या
- 25000 पुलिस कांस्टेबलों की रिक्त के सापेक्ष शासन की स्वीकृत
- 1736 कारगार सुरक्षा ड्यूटी
- 4530 सार्वजनिक प्रतिष्ठानों में नियोजित
- 8334 डायल 100 ड्यूटी में
- 475 विभिन्न रेलवे समपारों पर नियोजित
- 535 आबकारी विभाग में नियोजित
- 358 परिवहन विभाग में नियोजित
(यह आंकड़ा यूपी की है)
लखनऊ ट्रैफिक पुलिस एक नजर में
टीआई टीएसआई हेड कॉन्स। कॉन्सटेबल
स्वीकृत 10 43 137 777
उपलब्ध 09 31 187 326
रिक्त 01 12 +50 451
कहां से कितने होमगार्ड (अगस्त माह)
लखनऊ 395
बाराबंकी 51
कानपुर 32
सीतापुर 25
उन्नाव
सिद्धार्थनगर 692
लखीमपुर
बहराइच
इस बार लखनऊ पुलिस से मिले 354 होमगार्ड
mayank.srivastava@inext.co.in
LUCKNOW: होमगार्ड्स के अचानक गायब होने पर रोड से लेकर थानों तक की व्यवस्था डिरेल हो गई। थानों में रोज की वर्किग पर प्रभाव पड़ने के साथ-साथ ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। दिन भर रोड पर जाम से लोगों को जूझना पड़ रहा है। इसकी वजह यह है कि चौराहों से ट्रैफिक ड्यूटी में लगे होमगार्ड्स की संख्या आधी हो गई है। पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सुरक्षा, ट्रैफिक समेत कई ड्यूटी की जिम्मेदारी निभाने वाले होमगार्ड्स के पारिश्रमिक राशि देने के लिए विभाग के पास बजट नहीं है। अब 31 मार्च 2020 तक यह परेशानी ट्रैफिक, सिविल पुलिस समेत कई अन्य विभागों के साथ-साथ पब्लिक को भी सहनी पड़ेगी। 2019 का बजट विभाग के पास पहले ही पहुंच गया और प्रति होमगार्ड 152 रुपये पारिश्रमिक बढ़ने के चलते बजट पर लोड पर गया है। इस लोड को सुधारने के लिए अगले बजट सत्र तक इंतजार करना होगा।
8 हजार होमगार्ड्स को किया गया वापस
होमगार्ड्स की सबसे बड़ी भूमिका सिविल पुलिस, ट्रैफिक व्यवस्था और सार्वजनिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा व्यवस्था में होती है। पुलिस के पास अब तक यूपी में 25 हजार होमगार्ड्स उपलब्ध कराए गए थे, लेकिन बजट के अभाव के चलते मात्र 17 हजार होमगार्ड्स को ड्यूटी दी जा रही और 8 हजार होमगार्ड्स को वापस कर दिया गया है।
यह काम हुए प्रभावित
लखनऊ के ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने में अहम रोल अदा करने वाले होमगार्ड्स के न होने से मंगलवार से ट्रैफिक व्यवस्था डिरेल हो गई। शहर के 511 चौराहों पर करीब 110 चौराहों पर ट्रैफिक ड्यूटी लगती है। हर चौराहों पर तीन से चार होमगाडर््स तैनात किए जाते हैं। अचानक उनकी संख्या आधी होने से इसका फर्क बुधवार को ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ने से साफ नजर आया। शहर के प्रमुख चौराहों, मेन रोड और एरिया में लोग दिन भर जाम से जूझते रहे। यहां तक कि कई बार एंबुलेंस जाम में फंसी रही।
थानों पर भी दिखा असर
सिविल पुलिस के लिए भी होमगार्ड्स अहम रोड अदा करते हैं। थानों पर नोटिस तामिला कराने के साथ-साथ पुलिस कर्मियों के साथ बैंक ड्यूटी और रोड पर सुरक्षा व्यवस्था के अलावा कई अन्य विभागीय कार्यो के लिए होमगार्ड्स की ड्यूटी लगाई जाती है। संख्या कम होने के चलते पूरा लोड सिविल पुलिस पर आ गया है। इससे उनको अतिरिक्त ड्यूटी के अलावा लॉ एंड आर्डर की भी दोहरी जिम्मेदारी निभानी पड़ रही है।
सबको मिलेगा काम, कोई नहीं हटाया जाएगा
होमगार्ड मिनिस्टर चेतना चौहान का कहना है कि बजट के चलते ड्यूटी में कटौती की जा सकती है, लेकिन किसी भी होमगार्ड को हटाया नहीं जाएगा। बजट को ध्यान में रखते हुए उन्होंने डीजी पुलिस से भी वार्ता की है। अब तक पुलिस को 25 हजार होमगार्ड ड्यूटी के लिए दिए जाते थे। वर्तमान में 17 हजार होमगाडर््स से ड्यूटी ली जा रही है और 8 हजार को वापस कर दिया गया है। सभी को ड्यूटी के लिए कुछ कटौती की जा सकती है। करीब 32 से 35 फीसदी कटौती की जाएगी। 30 दिन की जगह अब उन्हें 22 दिन की ड्यूटी दी जाएगी ताकि सभी लोगों को ड्यूटी का मौका मिल सके।