बैक्टीरियों से जो गैस बनती

आपने लोगों को अक्सर यह सुना होगा या फिर देखा भी होगा कि मरने के बाद शरीर नीला हो जाता है। शरीर अकड़ने के साथ ही लाशों से आंखें भी निकल आती है। जिससे मरने के बाद इंसान का शरीर पहचान में नहीं आता है। इतना ही नहीं जब लाशें कई दिन तक रखी रहती है तो वह चीखने चिल्लाने भी लगती है। पोस्टमार्टम के दौरान यह एक सामान्य प्रक्रिया मानी जाती हैं। हालांकि कई बार इनसे आने वाली आवाजों को सुनकर डॉक्टर व यहां तैनात कर्मचारी भी हैरान हो जाते हैं। हालांकि डॉक्टरों को पता है कि यह कोई भूत प्रेत नहीं बल्कि शरीर में मौजूद बैक्टीरियों से जो गैस बनती है। उसकी वजह से शरीर के वोकल मसल्स में खिंचाव होता है और लाशें चीखने लगती हैं।

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अपने आप डिलीवरी हो जाती

वहीं इस संबंध में डॉक्टरों का कहना है कि लाशों पर बैक्टीरिया और फंगस के अलावा कई हानिकारक मच्छर व मक्खी भी हमला करते हैं। चीटियां भी मृत शरीर से आने वाली दुर्गंध की ओर बढ़ जाती है। इतना ही नहीं डॉक्टरों का कहना है कि कई बार तो लाशों के बच्चे भी पैदा होते हैं। जिन गर्भवती महिलाओं की मौत होती है उनके पोस्टमार्टम में यह अक्सर देखने को मिलता है। हालांकि इसके पीछे भी मुख्य वजह शरीर में बनने वाली गैस है। इस दौरान लाश के शरीर में जो गैस होती है वह बच्चे को बाहर की ओर धकेलती है। जिससे अपने आप डिलीवरी हो जाती है। हालांकि इन मामलों में बच्चों का बचना संभव नहीं होता है।

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