- कचरा का बन चुका है पहाड़, कैपिंग करके बंद करेंगे

- कुबेरपुरवासियों को बदबू और गंदगी से मिलेगी निजात

आगरा। कुबेरपुर ट्रिंचिंग ग्राउंड की बदबू और गंदगी से जल्दी ही निजात मिलने वाली है। नगर निगम पहाड़ बन चुके करोड़ों टन कचरा को पूरी तरह से बंद कर देगा। इसमें वैज्ञानिक फार्मूला अपनाया जाएगा, जिससे जमीन के नीचे या ऊपर किसी तरह से भी पर्यावरण प्रदूषित नहीं हो।

पर्यावरण के लिए हानिकारक है कचरा

कुबेरपुर स्थिति ट्रिंचिंग ग्राउंड के 4 एकड़ क्षेत्र में कचरा डंप किया जा रहा है। कचरा के डिस्पोज की प्रोसेसिंग वर्ष 2012-13 से बंद है। इस वजह से करोड़ों टन कचरा जमा हो चुका है। यह पर्यावरण के लिए हानिकारक है, वहीं स्थानीय लोगों की भी समस्या बन चुका है। इसे देखते हुए नगर निगम ने पूरे कचरे को कैपिंग करने का निर्णय लिया है। इसे बंद करने में तीन फार्मूलों में से एक का इस्तेमाल किया जाएगा। इसकी डेड लाइन दिसंबर रखी गई है।

तीन फॉर्मूले हैं बंद करने के

कचरा को कैपिंग (बंद) करने के तीन तरीके हैं। इसमें मिट्टी डालकर फिर गार्डनिंग (घास) लगाई जाती है। इसमें दरकने का खतरा बना रहता है। दूसरा एक मोटी पालिथीन की कोटिंग के बाद मिट्टी से पाटा जाता है और गार्डनिंग की जाती है। तीसरा फार्मूला कचरा को सीमेंट से बंद किया जाता है।

अन्य कामों में ली जा सकती है जमीन

डंपिंग यार्ड को बंद करने के बाद इस जमीन का उपयोग अन्य कामों में किया जा सकता है। इसे किस टेक्निक से तैयार किया जाए। इसके लिए आरसीयूईएस (रिजिनल सेंटर फॉर अर्बन एंड इंवायरमेंट स्टडी) से राय मांगी गई है। ये एक प्रपोजल बनाकर देगा। इस मामले पर 10 अक्टूबर को एक मीटिंग भी है।

2012 से डंप है करोड़ों टन कचरा

कुबेरपुर ट्रिंचिंग ग्राउंड में कचरा डिस्पोज (खत्म) किया जाता था। ये प्रक्रिया वर्ष 2012 के बाद बंद हो गई। लेकिन हर रोज कचरा डंप किया जाता रहा। ऐसे में चार सालों में कचरा का पहाड़ खड़े हो गए हैं। ये अब समस्या बन रही है।