-यूपीपीएससी अध्यक्ष से मिलने पहुंचे कम्बाइंड स्टेड इंजीनियरिंग सर्विसेज एग्जाम 2013 के कैंडिडेट्स

-सेलेक्शन से बाहर हुए आईआईटीयन ने जांच की उठाई मांग

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PRAYAGRAJ: आईआईटी से डिग्री हासिल करना स्टूडेंट्स के लिए किसी सपने से कम नहीं होता। ऐसे में हर कोई यही मानता है कि आईआईटीयन बेस्ट जॉब पाने में सबसे आगे रहते हैं। लेकिन यूपीपीएससी के कम्बाइंड इंजीनियरिंग सर्विसेज एग्जाम 2013 का रिजल्ट इस सोच को बदलने के लिए काफी है। बुधवार को उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग अध्यक्ष डॉ। प्रभात कुमार से मिलने पहुंचे कम्बाइंड इंजीनियरिंग सर्विसेज 2013 के कैंडिडेट्स ने अपनी शिकायत दर्ज कराई। इसमें कई आईआईटीयन भी थे। इन्होंने दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट से अपनी प्रॉब्लम्स शेयर कीं।

स्केलिंग और मॉडरेशन पर उठाए सवाल

उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग अध्यक्ष डॉ। प्रभात कुमार से मिलने पहुंचे कम्बाइंड इंजीनियरिंग सर्विसेज 2013 के अभ्यर्थियों ने बताया कि पूर्व परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार के समय ही पूरा खेल हुआ है। एनआईटी पटना से बीटेक और आईआईटी दिल्ली से एमटेक आलोक कुमार गुप्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग में स्केलिंग और मॉडरेशन प्रॉसेस में खेल हुआ है। यही कारण है कि आईआईटी जैसे संस्थान से एमटेक की डिग्री हासिल करने के बाद भी कई अभ्यर्थियों का सेलेक्शन नहीं हो सका है। अभ्यर्थियों ने आयोग के मूल्यांकन प्रणाली पर भी सवाल उठाया। आलोक कुमार ने बताया कि यूपीएससी कॉपियों में हर सवाल की अलग-अलग परीक्षक से जांच करवाता है। वहीं आयोग एक ही परीक्षक को कॉपी जांचने की जिम्मेदारी देता है। ऐसे में गड़बड़ी की आशंका बनी रहती है।

परीक्षा की होगी सीबीआई जांच

गाजियाबाद के रहने वाले अभिषेक कुमार ने बताया कि उन्होंने आईआईटी दिल्ली में एमटेक किया है। उन्होंने पूरी बात आयोग अध्यक्ष के सामने रखी। इसके बाद आयोग अध्यक्ष ने मामले की जांच के लिए सीबीआई अधिकारियों से बात करने का भरोसा दिलाया। साथ ही उन्होंने मामले में अभ्यर्थियों को भी सीबीएसई से मिलने और उनको मामले से जुड़े दस्तावेजों क ो सौंपने की बात कही।

रिटेन एग्जाम के बाद कैसे घट गई रिक्तियां

-उत्तर प्रदेश सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा 2013 के तहत पीडब्ल्यूडी, सिंचाई, लघु सिंचाई, ग्राउंड वाटर, रूरल इंजीनियरिंग विभागों में 934 पद की भर्ती निकली।

-इसकी लिखित परीक्षा 10, 12 व 13 अप्रैल 2016 को हुई जबकि साक्षात्कार तीन मार्च से पांच अप्रैल 2019 तक कराया गया।

-इस परीक्षा का परिणाम तीन मई 2019 को जारी किया गया।

-आईआईटी दिल्ली से एमटेक करने वाले शाहजहांपुर के आलोक गुप्त का आरोप है कि सिंचाई विभाग में 640 पदों के लिए लिखित परीक्षा कराई गई।

-लेकिन लिखित परीक्षा के बाद पद घटाकर 394 कर दिया गया।

-मौजूदा समय दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन सीनियर सेक्शन इंजीनियर पद पर कार्यरत आलोक का कहना है कि पद घटाने की सूचना अभ्यर्थियों को नहीं दी गई। इलाहाबाद हाईकोर्ट में यह मामला लंबित है।

कॉलिंग

आयोग के मॉडरेनशन और स्केलिंग की प्रक्रिया हमेशा से संदेह के घेरे में है। इसको सही कराना चाहिए। इससे हजारों अभ्यर्थियों को उनकी मेहनत का फल मिल सकेगा।

-आलोक कुमार गुप्ता

एमटेक आईआईटी दिल्ली, बीटेक एनआईटी पटना

इस एग्जाम के लिए मैंने एसएससी जेई की जॉब छोड़ दी। परीक्षा इतनी अच्छे ढंग से हुई थी कि उम्मीद थी कि टॉप टेन में सेलेक्शन होगा, लेकिन रिजल्ट आने पर सारी उम्मीदें खत्म हो गई।

-इसरार अहमद

बीटेक बीआईईटी झांसी

लिखित परीक्षा के बाद अचानक से पद कम कर दिए गए। जबकि विज्ञापन जारी होने के बाद पद नहीं घटाए जाने चाहिए।

-शशांक सक्सेना, लखनऊ

आईआईटी जैसे संस्थान से पढ़ने वाले कई अभ्यर्थी परीक्षा में फेल हो गए। जबकि यूपी के प्राइवेट इंजीनियरिंग कालेज से पढ़ने वाले सफल हो गए। यह आपने आप में सोचने की बात है।

-अभिषेक कुमार

बीटेक एनआईटी जालंधर, एमटेक आईआईटी दिल्ली

------------------------गलत निबंध लिखने के बाद भी मिल गया नंबर

लोक सेवा आयोग अध्यक्ष से मिलने पहुंची प्रिया गुप्ता ने बताया कि मूल्यांकन प्रणाली को लेकर सवाल उठना लाजिमी है। प्रिया ने बताया कि लोअर पीसीएस 2015 मेंस के दौरान भूकंप पर निबंध लिखने के लिए कहा गया था। कुछ परेशानियों के कारण उन्होंने बाढ़ पर निबंध लिख दिया। परीक्षा के बाद अपनी गलती का अहसास हुआ। लेकिन जब रिजल्ट आया तो हैरान रह गई। गलत निबंध लिखने के बाद भी मा‌र्क्स मिले थे। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है। इसीलिए कापी दिखाने की मांग उठायी थी। जिसे मना कर दिया गया। मा‌र्क्स अपलोड करने का आश्वासन आयोग के अध्यक्ष ने दिया है।