क्या है आरोप
अगस्ता वेस्टलैंड के इन दोनों ही अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने भारत सरकार की ओर से खरीदे जाने वाले 12 लक्जरी हेलीकॉप्टर का सौदा पक्का करने के लिए कुछ गलत तरीके अपनाये और भारतीय अधिकारियों को लाखों रुपये की रिश्वत दी. गौरतलब है कि 560 मिलियन यूरो यानी 715 डॉलर के इस सौदे के लिए 2010 में डील की गई थी.
 
ब्रूनो को किया गया भ्रष्टाचार के आरोप से बरी
गुरुवार को मामले की सुनवायी के दौरान लोक अभियोजक ने ग्यूसेप और ब्रूनो पर आरोप लगाया कि भारत से इस सौदे को हासिल करने के लिए उन्होंने गलत तरीके को इस्तेमाल में लाने के लिए चुना और भारतीय अधिकारियों को रिश्वत भी दी. ऐसा करने से दोनों देशों की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचा है. अदालत ने ब्रूनो को भी दो साल की सजा सुनायी है, लेकिन उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप से बरी कर दिया गया.
 
भारत की प्रतिष्ठा को भी पहुंची चोट
अगस्ता वेस्टलैंड डील के रूप में मशहूर हुए इस मामले से भारत की प्रतिष्ठा भी भ्रष्ट नौकरशाही के कारण दुनिया में धूमिल हुई थी और इटली को भी उसके अधिकारियों की ओर से रिश्वत देने के कारण शर्मसार होना पड़ा था. गौरतलब है कि इस मामले में विवाद कुछ ऐसा गहराया था कि बाद में भारत ने तीन हेलीकॉप्टर इटली से लेने के बाद जनवरी 2013 में इस सौदे को रद्द कर दिया. इटली की सरकारी नियंत्रण वाली कंपनी फिनमेकनिका का जब वहां फिर से पुनरुद्धार किया जा रहा है, तब इस तरह के कांड का खुलासा होने से उसकी साख को एक बार फिर नुकसान पहुंचा है.

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