रांची (ब्यूरो)ईडी के विशेष न्यायाधीश अनिल कुमार मिश्रा की अदालत ने शनिवार को मामले में फैसला सुनाया। पूर्व मंत्री पर लगभग 20 करोड़ 31 लाख 77 हजार 852 रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एनोस की पेशी हुई। सात मार्च 2020 को दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद फैसले के लिए अदालत ने 21 मार्च की तिथि निर्धारित की थी। केस में सात सितंबर 2019 से बहस चल रही थी।

2009 में ईसीआईआर दर्ज

मामला प्रकाश में आने के बाद 2009 में ईडी ने एनोस के खिलाफ ईसीआइआर दर्ज कर छानबीन शुरू की। ईडी की ओर से अदालत में 56 गवाह पेश किए गए, जबकि एनोस ने अपने बचाव में 71 गवाहों की गवाही कराई। सुनवाई के दौरान ईडी ने एनोस द्वारा खरीदी गई संपत्ति से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज साक्ष्य के तौर पर पेश किए, जिसमें संपत्ति की 116 सेल डीड की कॉपी भी अदालत में पेश की गई।

करोड़ों की संपत्ति सील कर चुका है ईडी

मनी लांड्रिंग मामले में ईडी एनोस एक्का व उनके परिजनों से जुड़ी करोड़ों की संपत्ति जब्त कर चुकी है। इसमें रांची, बंगाल, दिल्ली की बेशकीमती जमीन, फ्लैट आदि शामिल हैं।

आय से अधिक संपत्ति मामले में सजायाफ्ता हैं एनोस

मधु कोड़ा मंत्रीमंडल में 10 मार्च, 2005 से 31, मार्च 2009 तक मंत्री रहे एनोस एक्का आय से अधिक संपत्ति मामले में सजायाफ्ता हैं। 25 फरवरी को सीबीआइ की विशेष अदालत ने उन्हें सात साल की जेल व 50 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इस केस में एनोस के अलावा उनकी पत्नी मेनन एक्का सहित परिवार के पांच सदस्यों को भी सजा हुई थी। वर्तमान में एनोस होटवार जेल में बंद हैं। इस मामले में सीबीआइ ने 10 अगस्त 2010 को प्राथमिकी दर्ज की थी, जबकि इससे एक साल पूर्व अक्टूबर 2009 में ईडी ने प्राथमिकी दर्ज की थी।

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