सिर्फ समान शर्तों पर दोस्ती मुमकिन

भारत और पाकिस्तान के संबंधों पर पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और अपदस्थ तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने अपनी राय रखी. इस बार मुशर्रफ ने दोनों मुल्कों के बीच शक्ति प्रदर्शन और जंग की बजाए दोस्ती की संभावनाओं पर बात की है. दरअसल मुशर्रफ ने कहा कि आत्मसम्मान की बलि देकर भारत से दोस्ती संभव ही नही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ लोगों में इस बात को लेकर गलत धारणा है कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ती के पक्ष में नही हैं. उन्होंने कहा कि उनके शासन-काल में भारत और पाकिस्तान के रिश्ते काफी अच्छे रहे हैं.

मोदी हमें खिलाना ना समझें

अपदस्थ पाकिस्तानी तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने एक इंटरव्यू में कहा कि वह यह नही चाहते हैं कि मुस्लिमों का विरोध करने वाले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान को खिलाना ना समझें. उन्होंने कहा , 'मेरे नेतृत्व दोनों देश कश्मीर, सर क्रीक और पानी मसले से जुड़े अहम विवाद को खत्म करने के करीब पहुंच गए थे.' इस इंटरव्यू में मुशर्रफ से करगिल ऑपरेशन में मास्टरमाइंड की भूमिका निभाने के बारे में पूछा गया तो मुशर्रफ ने इस बात को मान लिया. लेकिन इसके साथ ही उन्होंने 1971 के युद्ध का जिक्र छेड़ते हुए कहा, 'भारत ने ऐसे सैन्य ऑपरेशन किए इसलिए करगिल हुआ.'

मोदी से भी दोस्ती संभव

इस इंटरव्यू में मुशर्रफ ने कहा कि भारत में नवनिर्वाचित सरकार से भी पाकिस्तान की दोस्ती संभव हैं. उन्होंने कहा, 'हां दोनों देशों में दोस्ती हो सकती है. लेकिन भारत बार-बार सीजफायर का उल्लंघन करे, हमारे सैनिकों की हत्या करे और ब्लूचिस्तान में आतंकवाद की फंडिंग करता रहे तो ऐसे में रिश्ते नहीं सुधर सकते. मोदी के पीएम रहते भी संबंध अच्छे हो सकते हैं. लेकिन पाकिस्तान भारत के सामने झुकने वाला नहीं.'

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