कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Ganesh Chaturthi 2023 : गणेश चतुर्थी पूरे देश में बहुत धूमधाम से मनाई जाती है। इसे विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। यह हिंदुओं के सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है जो भगवान गणेश के जन्म का प्रतीक है। हर साल गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाने के लिए लोग बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह त्यौहार अगस्त या सितंबर महीने में आता है। इस दस दिवसीय उत्सव के दौरान, भक्त भगवान गणेश जी की स्थापना व पूजा करते हैं, जिन्हें बाधाओं को दूर करने वाले और नई शुरुआत के देवता के रूप में भी जाना जाता है।

गणेश चतुर्थी की शुुरुआत
यह बताना मुश्किल है कि लोगों ने पहली बार गणेश चतुर्थी कब मनाना शुरू किया था, हालांकि, कई विशेषज्ञों का मानना है कि गणेश चतुर्थी उत्सव का इतिहास सातवाहन, राष्ट्रकूट और चालुक्य राजवंशों के शासनकाल से जुड़ा है। वहीं इतिहास के पन्नों के अनुसार, महान मराठा नेता छत्रपति शिवाजी महाराज ने राष्ट्रवाद की भावना को बढ़ावा देने के लिए महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी उत्सव की शुरुआत की। उत्सव के आखिरी दिन गणेश विसर्जन की परंपरा होती है। 10 दिवसीय उत्सव के समापन दिन को लोकप्रिय रूप से अनंत चतुर्दशी के रूप में भी जाना जाता है।

गणेश विसर्जन की परंपरा
जैसा कि 'विसर्जन' शब्द से पता चलता है, इस दिन भगवान गणपति की मूर्ति का विसर्जन किसी नदी, समुद्र या जलाशय में किया जाता है। त्योहार के पहले दिन, भक्त अपने घरों, सार्वजनिक स्थानों व कार्यालयों में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित कर गणेश चतुर्थी की शुरुआत करते हैं। अंतिम दिन, भक्त अपने प्रिय भगवान की मूर्तियों को लेकर जुलूस में निकलते हैं और विसर्जन करते हैं। गणेश विसर्जन की पौराणिक कथा के पीछे एक दिलचस्प कहानी है।

विसर्जन के पीछे की कहानी
ऐसा माना जाता है कि त्योहार के आखिरी दिन भगवान गणेश अपने माता-पिता भगवान शिव और देवी पार्वती से मिलने के लिए कैलाश पर्वत पर लौटते हैं। गणेश चतुर्थी का उत्सव जन्म, जीवन और मृत्यु के चक्र के महत्व को भी दर्शाता है। गणेश जी, जिन्हें नई शुरुआत के भगवान के रूप में भी जाना जाता है, को बाधाओं को दूर करने वाले के रूप में भी पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जब गणेश जी की मूर्ति को विसर्जन के लिए ले जाया जाता है तो वह अपने साथ घर की विभिन्न बाधाओं को भी ले जाती है और विसर्जन के साथ ही ये बाधाएं भी नष्ट हो जाती हैं।

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