बोले सलमान खान
इसके आगे सलमान खान ने कहा कि वो बीते करीब तीन दिनों से इस बारे में कुछ बोलने का मन बना रहे हैं, लेकिन बात के जुबान पर आते-आते वो डर जाते थे। ऐसे में तीन दिन के बाद अब वो इस बात को कहने की हिम्मत जुटा पाए हैं। इसको लेकर सलमान खान ने तीन दिन के इंतजार के बाद 26 जुलाई को ट्विट करके अपने मन की बात कही।

देर रात किए ट्विट
पहला ट्विट उन्होंने 26 जुलाई को 1 बजकर 52 मिनट पर किया। लगातार ट्विट करते हुए उन्होंने इस माध्यम से अपना आखिरी संदेश 2 बजकर 41 मिनट पर भेजा। अपने हर एक ट्विट में उन्होंने याकूब मेमन को मिलने वाली फांसी की सजा का विरोध किया है। गौरतलब है कि 1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों में दोषी पाए गए याकूब मेमन को आने वाली 30 जुलाई को सुबह 7 बजे फांसी की सजा दी जानी है।


टाइगर मेमन को बताया बिल्ली
जानकारी के अनुसार सलमान खान ने अपने ट्विट में कहा है कि असली गुनहगार टाइगर मेमन है, याकूब नहीं। ऐसे में टाइगर के गुनाह की सजा उसके भाई याकूब को नहीं मिलनी चाहिए। इसके आगे उन्होंने ट्विट किया कि जाओ टाइगर मेमन को पकड़ो, जो बिल्ली की तरह छिप कर बैठा है। इसके आगे उन्होंने कहा कि हम एक बिल्ली को नहीं पकड़ पा रहे हैं।


पाक पीएम से की गुजारिश  
अपने ट्विट के क्रम को आगे बढ़ाते हुए सलमान ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से भी अपील की। उन्होंने कहा कि शरीफ साहब, आपसे इस बात की दरख्वास्त है कि अगर टाइगर आपके मुल्क में है तो प्लीज बता दीजिए। इसी के साथ साफ है कि बॉलीवुड के दबंग भाई ने काफी हिम्मत के साथ देर रात इन ट्विट्स के जरिए अपनी बात को सामने रखा।

हैंग टाइगर
अपने पहले ट्विट में सलमान ने हैंग टाइगर का मैसेज दिया। उसके बाद दूसरे ट्विट में उन्होंने कहा कि भाई को टाइगर के बदले फांसी दी जा रही है। अरे, टाइगर कहां है। अगले और चौथे ट्विट में सलमान बोले टाइगर की ही तो कमी है इंडिया में, टाइगर को लाओ। हम तो अपनी फैमली पर मर जाएं। टाइगर तुम्हारा भाई कुछ दिनों में तुम्हारे लिए फांसी के फंदे पर चढ़ने वाला है। कोई स्टेटमेंट। कोई एड्रेस, कुछ तो बोलो। वाह भाई हो तो ऐसा। मतलब, याकूब मेमन। अपने सातवें ट्विट में सलमान ने कहा है कि याकूब मेमन पर पढ़ के कमेंट करिए।


याकूब के पक्ष में आए कई नेता और मुस्लिम धर्म गुरु भी
याकूब को फांसी दिए जाने को लेकर सिर्फ सलमान खान ही नहीं, कई नेता और मुस्लिम धर्म गुरु भी आगे आ गए हैं। इस क्रम में हैदराबाद से सांसद असादुद्दीन ओवैसी पहले ही याकूब संग भेदभाव का आरोप लगा चुके हैं। इनके अलावा बी रमण का स्टेटमेंट है कि याकूब ने नेपाल में सरेंडर किया था। उसने आईएसआई के ऑपरेशन के बारे में खुफिया एजेंसियों की मदद की थी। उस समय रॉ अफसर ने कहा था उस हिसाब से उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल देना चाहिए। सपा नेता अबू आजमी कहते हैं कि याकूब को मामले में प्रॉसिक्यूशन ने कई वाइटल फैक्ट्स कोर्ट से छिपाए गए और गुमराह किया गया है। इसके अलावा कई नेताओं और धर्मगुरुओं ने उसके पक्ष में आवाज उठानी शुरू कर दी है।

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