इस फ़ोन को एलजी ने बनाया है और इसकी ख़ासियत यह है कि नेक्सस-4 के मुक़ाबले छोटा, पतला और हल्का है लेकिन इसकी टचस्क्रीन बड़ी है.

नेक्सस-5 की टचस्क्रीन 4.96 इंच की है. एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम के नए संस्करण की क्षमताओं से रूबरू कराने के लिए इस फ़ोन को तैयार किया गया है.

नए एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम का नाम किटकैट है और इसे महंगे स्मार्टफ़ोन के साथ ही सस्ते फ़ीचर वाले फ़ोन के लिए तैयार किया गया है.

एलजी के साथ साझेदारी

गूगल का दावा है कि नया ऑपरेटिंग सिस्टम सभी तरह के फ़ोन पर अच्छी तरह से काम कर सकता है.

गार्टनर के आंकड़ों के मुताबिक़ गूगल के साथ हुई साझेदारी से एलजी को काफ़ी फ़ायदा मिला है, लेकिन अभी भी कंपनी अपने प्रतिस्पर्धियों सैमसंग और ऐपल से काफ़ी पीछे है.

जून 2013 को समाप्त हुई तिमाही के दौरान 3.8 प्रतिशत बाज़ार हिस्सेदारी के साथ वो तीसरे स्थान पर थी.

दूसरी ओर ऐपल की हिस्सेदारी 18.8 प्रतिशत और सैमसंग की हिस्सेदारी 29.7 प्रतिशत थी.

नेक्सस-5 के बारे में गूगल के ब्लॉग पर घोषणा होने से पहले ही उसकी विशेषताएं लीक हो गईं थीं.

बेहतर फ़ीचर्स

गूगल ने एंड्रॉयड किटकैट के साथ पेश किया नेक्सस-5स्मार्ट फ़ोन के अलावा गूगल ने टैबलेट भी तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं.

इस फ़ोन में एलजी के जी2 हैंडसेट के हार्डवेयर का इस्तेमाल किया गया है और इसके ज़रिए 1080पी रेज़ोलूशन के एचडी वीडियो की रिकार्डिंग की जा सकती है और उसे प्ले किया जा सकता है.

इसके कैमरे में रैपिड बर्स्ट सिस्टम की ख़ूबी शामिल है, जिसके ज़रिए एक साथ कई तस्वीरें खींची जा सकती हैं.

इस हैंडसेट की बिक्री अमरीका, ब्रिटेन, कनाडा, आस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, इटली, जापान और कोरिया में एक नवंबर से शुरू हो गई है.

तकनीकी मामलों की फ़र्म सीसीएस इनसाइट के शोध प्रमुख बेन वुड ने बताया, "नेक्सस डिवाइस में गूगल के लिए कई महत्वपूर्ण फ़ंक्शन हैं."

गूगल ने कहा है कि 16 जीबी के शुरुआती संस्करण की क़ीमत अमरीका में 349 डॉलर होगी, जबकि 32 जीबी संस्करण की क़ीमत 399 डॉलर होगी.

गूगल ने कहा है कि एंड्रॉयड किटकैट को इस तरह तैयार किया गया है ताकि सॉफ्टवेयर कम मेमोरी इस्तेमाल करे. ऐसे में महंगे स्मार्टफ़ोन के साथ ही सस्ते फ़ोन में भी इस ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जा सकता है.

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