2014 में प्राधिकरण ने वेदव्यासपुरी में लांच किया था प्रोजेक्ट

3.49 करोड़ रुपए खर्च किए थे प्रोजेक्ट पर करीब

7 एकड़ में प्रस्तावित स्पो‌र्ट्स कॉम्प्लेक्स के निर्माण का भेजा प्रस्ताव पर शासन ने मांगी डिटेल

Meerut। मेरठ में स्पो‌र्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण अब शासन कराएगा। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा प्राधिकरण से प्रोजेक्ट के संबंध में विभिन्न जानकारियां तलब की गई हैं। वेदव्यासपुरी योजना में 'न्यू मेरठ स्पो‌र्ट्स कॉम्प्लेक्स' के नाम से एक स्कीम प्राधिकरण ने 2014 में तत्कालीन समाजवादी पार्टी के शासनकाल के दौरान लांच की थी। प्राधिकरण ने 25 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस प्रोजेक्ट पर करीब 3.46 करोड़ रुपए खर्च भी कर दिया है।

7 एकड़ में है प्रस्ताव

मेरठ विकास प्राधिकरण ने 2014 में 'न्यू मेरठ स्पो‌र्ट्स कॉम्प्लेक्स' के नाम से एनएच-58 के समीप वेदव्यासपुरी में प्रोजेक्ट को लांच किया था। इस प्रोजेक्ट का एरिया करीब 7 एकड़ है और इसमें मेरठ के व‌र्ल्ड फेमस स्पो‌र्ट्स क्लस्टर को शिफ्ट करने की योजना थी। प्रोजेक्ट के तहत स्पो‌र्ट्स गुड्स मैन्युफैक्चरर यहां पर अपने आउटलेट्स खोलते। इंग्लिश विलो समेत कई रॉ प्रोडक्ट को इम्पोर्ट करने के लिए आसान व्यवस्था यहां उपलब्ध होती तो वहीं स्पो‌र्ट्स गुड्स को विदेशों में एक्सपोर्ट करने के लिए भी यहां कारोबारियों को सहायता उपलब्ध होती। प्रोजेक्ट पर एमडीए ने करीब 3.46 करोड़ रुपए खर्च भी कर दिए थे। प्रदेश में सरकार बदलने के बाद विकास कार्यो की प्राथमिकता बदली, जिसके चलते स्पो‌र्ट्स क्लस्टर के लिए वरदान साबित होने वाली स्कीम ठप पड़ गई।

एक्सीलेंस सेंटर का भी प्लान

मेरठ में स्पो‌र्ट्स इंडस्ट्री को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए 3 वर्ष पहले मेरठ में एक्सीलेंस सेंटर खोलने की योजना सूक्ष्म एवं लघु उद्योग मंत्रालय ने जाहिर की थी। जिसके बाद प्राधिकरण ने ठप पड़े 'न्यू मेरठ स्पो‌र्ट्स कॉम्प्लेक्स' प्रोजेक्ट को सूक्ष्म एवं लघु उद्योग विभाग को सौंपने की प्रक्रिया शुरू की। हालांकि कुछ दिनों बाद ही एक्सीलेंस सेंटर के निर्माण का प्रस्ताव भी ठंडे बस्ते में पड़ गया और एक फ्लॉप स्कीम फिर प्राधिकरण के गले की फांस बन गई। शासन ने एक बार फिर मेरठ में 'न्यू मेरठ स्पो‌र्ट्स कॉम्प्लेक्स' के संबंध में जानकारी मांगी है। जिससे उम्मीद बंध रही है कि आने वाले दिनों में सरकार इस प्रोजेक्ट के लिए फंड का बंदोबस्त कर दे।

शासन ने मांगा विस्तृत ब्योरा

आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के अनु सचिव अरूणेश कुमार द्विवेदी की ओर से जारी पत्र में प्राधिकरण उपाध्यक्ष राजेश कुमार पाण्डेय से प्रोजेक्ट के संबंध में विभिन्न जानकारियों हासिल की गई हैं। गौरतलब है कि गत दिनों शासन के निर्देशन में फंड के अभाव में दम तोड़ रही योजनाओं के संबंध में शासन ने ब्योरा तलब किया था। जिसके बाद प्राधिकरण उपाध्यक्ष की ओर से शासन को 'न्यू मेरठ स्पो‌र्ट्स कॉम्प्लेक्स' के संबंध में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराते हुए फंड की मांग की थी।

शासन ने मांगे जवाब

मूल प्रोजेक्ट किस स्तर पर पास किया गया था? प्रोजेक्ट को पूर्ण करने का लक्ष्य क्या था? प्रोजेक्ट पूर्ण न होने के क्या-क्या कारण हैं?

प्रोजेक्ट का बचा कार्य अपने संसाधनों द्वारा पूर्ण करने में एमडीए के सामने क्या कठिनाई आ रही है। और प्राधिकरण स्तर पर इस कठिनाई का समाधान क्यों संभव नहीं है?

प्रोजेक्ट पर अब तक प्राधिकरण 3.49 करोड़ रुपए खर्च कर चुका है। करीब 25 करोड़ की लागत की इस योजना में बाकी की धनराशि की मांग शासन से की गई है। ऐसे में प्राधिकरण यह स्पष्ट करे कि प्रोजेक्ट पर स्वामित्व किसका होगा, सरकार का या मेरठ विकास प्राधिकरण का।

यदि स्वामित्व सरकार का होगा तो स्पो‌र्ट्स कॉम्प्लेक्स का संचालन प्रदेश के किस विभाग द्वारा किया जाएगा। और प्रोजेक्ट की भूमि को आवास एवं शहरी नियोजन विभाग को ट्रांसफर करने की आवश्यकता तो नहीं होगी।

प्रोजेक्ट की आवश्यकता एवं औचित्य के संबध में प्राधिकरण अपनी रिपोर्ट को रिवाइज कर पेश करे।

ये दिया सुझाव

शासन ने प्राधिकरण को सुझाव भी दिया है। आवास एवं शहरी विकास विभाग के अनु सचिव ने कहा कि एमडीए प्रोजेक्ट के कार्यो की फेजिंग कर ले। और प्राथमिकता निर्धारित करते हुए अपने संसाधनों से इसे पूर्ण कर ले। यह उपयुक्त होगा। हालांकि प्राधिकरण ने एक बार फिर फंड की कमी का जिक्र करते हुए मांगी गई सूचनाओं के जबाव के साथ एक पत्र शासन को दिया है।

'न्यू मेरठ स्पो‌र्ट्स कॉम्प्लेक्स' को लेकर शासन की ओर से मिले पत्र में प्राधिकरण से विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी तलब की गई है। प्राधिकरण ने सवालों के जवाब के साथ एक बार फिर फंडिंग के लिए शासन से रिक्वेस्ट की है।

दुर्गेश श्रीवास्तव, चीफ इंजीनियर, एमडीए