- राज्य में सड़कों के 5 मीटर के दायरे में निर्माण को एनओसी लेनी होगी अनिवार्य
- आरआईएलसी और आरआईआईसी एक्ट 2014 की संशोधित नियमावली जल्द होगी लागू
देहरादून (ब्यूरो): अब पीडब्ल्यूडी ने दोनों एक्ट की संशोधित नियमावली तैयार कर शासन को भेज दी है। शासन स्तर से इस पर मंथन चल रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही शासन इस नियमावली को कैबिनेट की बैठक में पास कराएगा। नियमावली पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद एक्ट लागू हो जाएगा। बताया जा रहा है कि नियमावली बनने से पीडब्ल्यूडी को कई अधिकार मिल जाएंगे। विभाग सीधे अतिक्रमण पर एक्शन ले सकेगा।

एक्ट बना है पर लागू नहीं
रोड इंफ्रास्ट्रक्चर और सेफ्टी के लिए वर्ष 2014 में राज्य सरकार ने रोड रोड साइड कंट्रोल एक्ट और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन एंड कंट्रोल एक्ट (आरआईपीसी) बनाया, लेकिन करीब 9 साल बाद भी यह कानून राजधानी दून समेत प्रदेश में इंप्लीमेंट नहीं हो पाया। जानकारों की मानें तो कानून इंप्लीमेंट होता, तो आज सड़कों पर कब्जे न होते।

कदम-कदम पर अतिक्रमण
सड़कों पर कदम-कदम पर अतिक्रमण के चलते ट्रैफिक बाधित हो रहा है, जिससे पब्लिक को तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि रोड के किनारे पैदल आवाजाही तक के लिए जगह ही नहीं बची है। रोड पर बने फुटपाथ कब्जों से घिरे हैं। कहीं रोड ही पार्किंग स्थल बने हुए हैं। सड़कों पर सब्जी और फू्रट््स की रेहड़ी-ठेलियों और फास्ट फूड््स की दूकानेंं भी खलल डाल रही हैं। निर्माण सामग्रियोंं से जहां-तहां सड़कें भरी पड़ी हैं। वाहनों को तो छोडि़ए पैदल चलने तक के लिए लोगों को धक्के-खाने पड़ते हैं। एक्सीडेंट का भी इससे खतरा बना रहता है।

पीडब्ल्यूडी को मिल जाएगी पावर
इस कानून के इंप्लीमेंट होने से पीडब्ल्यूडी को चालानी नोटिस से लेकर जुर्माने की कार्रवाई का अधिकार मिल जाएगा। संबंधित डिविजन के अधिशासी अभियंता रोड पर अनावश्यक कब्जे करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर सकेंगे। साथ ही 5 से लेकर 20 हजार रुपये और इससे अधिक जुर्माना भी वसूल सकते हैं। यानि पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को कार्रवाई के लिए प्रशासन का मुंह नहीं ताकना पड़ेगा। बताया जा रहा है अतिक्रमण चिन्हित करने के लिए पीडब्ल्यूडी ने रोड सर्वे के लिए टेंडर भी जारी कर दिया है।

आसान ट्रैवलिंग का मिलेगा लाभ
इस संबंध में पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता रविंद्र आनंद बताते हैं कि एक्ट के सभी रूल्स बनाए जा चुके हैं, जिन्हें शासन को भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस कानून के लागू होने से पब्लिक को जहां सड़कों पर आसान और सुरक्षित सफर का लाभ मिलेगा वहीं रोड खुला होने से वाहनों की गति भी बढ़ेगी, जिससे समय की बचत होगी। इसके बाद बिना परमिशन के रोड साइड पर कोई निर्माण नहीं होगा। जितनी सड़क एरिया से उसे कवर किया जाएगा। सड़क पर किसी भी तरह की ऐसी गतिविधि को परमिशन नहीं दी जाएगी, जिससे टै्रफिक बाधित हो।

5 मीटर दायरे में एनओसी जरूरी
भविष्य में यदि किसी की अपनी जमीन भी रोड से 5 मीटर के परिधि में कोई निर्माण करता है, तो उसे पीडब्ल्यूडी से परमिशन लेनी होगी। बिना परमिशन के निर्माण इलीगल माना जाएगा। साथ ही व्यक्ति पर जुर्माने की कार्रवाई हो सकती है। रोड के 5 मीटर दायरे में कोई अतिक्रमण करता है तो पीडब्ल्यूडी सीधे नोटिस जारी कर कार्रवाई करने के लिए सक्षम होगा।

आंकड़ों पर एक नजर
1,20,000
शहर की आबादी
1000000
रजिस्टर्ड हैं दून में वाहन
2000 किमी।
सड़कें होंगी अतिक्रमण मुक्त
40000 किमी।
से अधिक लंबाई सड़कों की
2014
में लागू किया था एक्ट
3200
छोटे मोटर पुल हैं राज्य में
2440
हैं बड़े मोटर पुल
1354
हैं पैदल पुल

उत्तराखंड रोड इनसाइड लैंड कंट्रोल एक्ट और रोड इनसाइड इंफ्रास्ट्रक्चर, प्रोटेक्शन एंड कंट्रोल एक्ट की नियमावली बनाकर शासन को भेज दी गई है। शासन स्तर से दोनों नियमावलियों को कैबिनेट से पास कराया जाएगा। कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही एक्ट को पहले चरण में कुछ सड़कों पर इंम्लीमेंट किया जाएगा।
ओम प्रकाश, चीफ इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी, देहरादून
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