- अब शुरू हुई जिले में सरकारी एंबुलेंस की मॉनिटरिंग
- एंबुलेंस से आने वाले पेशेंट्स से पूछा जाएगा हाल
- हर माह शिकायत पर होगी सीएमओ के साथ मीटिंग, दोषी पर होगी कार्रवाई
GORAKHPUR: सरकारी एंबुलेंस से मिलने वाली शिकायतों को लेकर गंभीर शासन ने नई व्यवस्था लागू कर दी है. जिले के सीएमओ को उनकी मॉनिटरिंग के साथ फीडबैक लेने का फरमान सुनाया गया है. जिसके तहत 102 व 108 एंबुलेंस सेवा के बारे में पेशेंट्स के साथ उनके तीमारदारों से जानकारी लेने के बाद इनकी समीक्षा भी की जाएगी. एंबुलेंस सेवा का इस्तेमाल करने वाले पेशेंट्स के साथ उनके फैमिली मेंबर्स से सीधे लखनऊ से कॉल कर फीडबैक लिया जाएगा. वहीं लोकल स्तर पर सीएमओ को भी इसकी जिम्मेदारी दी गई है. हर माह हेल्थ डिपार्टमेंट मैनेजर और संचालक के साथ मीटिंग लेंगे. साथ ही शिकायत पर दोषियों पर कार्रवाई भी करेंगे.
लगातार कंप्लेन पर आया निर्देश
उत्तर प्रदेश सरकार की पहल पर एंबुलेंस सेवा बीते 14 अप्रैल 2017 को लखनऊ से पूरे प्रदेश में संचालित की गई थी. सीएम ने अपने सरकारी आवास से हरी झंडी दिखाकर एंबुलेंस सेवा को रवाना किया था. 102 व 108 एंबुलेंस सेवा फ्री इलाज देने का दावा किया गया था लेकिन तमाम दोवों के बाद भी मरीजों को सहुलियत नहीं मिल पा रही है. 10 से 15 मिनट में अस्पताल पहुंचने का दावा करने वाले एंबुलेंस एक से डेढ़ घंटे में भी मरीज के पास नहीं पहुंच पा रही है. आए दिन दिन ऐसी शिकायतें आने के बाद शासन ने इसे गंभीरता से लिया और सभी जिम्मेदार अफसरों को फीडबैक लेकर इसकी सूचना संबंधित अफसरों को देने का आदेश दिया है.
होगा फिजिकल एग्जामिनेशन
पेशेंट्स के फीडबैक के आधार पर डिपार्टमेंट्स के अफसरों को एंबुलेंस का फिजिकल एग्जामिनेशन भी करना होगा. डिस्ट्रिक्ट अस्पताल, महिला अस्पताल, सीएचसी-पीएचसी और मेडिकल कॉलेज के अफसर इनकी जांच कर रिपोर्ट तैयार करेंगे. इसके अलावा समय-समय पर पेशेंट्स का भी फीडबैक लिया जाएगा. रिपोर्ट में पेशेंट का नाम, पता और मोबाइल नंबर देना भी अनिवार्य होगा. ये रिपोर्ट सीएमओ को सौंपी जाएगी. जिसके आधार पर जिले स्तर पर हर माह समीक्षा की जाएगी.
इन मेन प्वॉइंट्स पर होगी जांच
- पेशेंट्स के लिए वेंटीलेटर की सुविधा.
- कितने समय में पेशेंट को अस्पताल पहुंचाया.
- डॉक्टर व इमरजेंसी टेक्नीशियन की सुविधा उपलब्ध रही या नहीं.
- मेडिकल किट, ऑक्सीजन, दवाइयों की उपलब्धता.
- मानकों के अनुसार आवश्यक उपकरण मिले या नहीं.
-एंबुलेंस चालक का व्यवहार आदि
जिले से संचालित 102 एंबुलेंस सेवा - 50
108 एंबुलेंस सेवा - 30
एएलएस एंबुलेंस सेवा - 2
अन्य जिले में एंबुलेंस सेवा
जिला 108 एंबुलेंस 102 एंबुलेंस
देवरिया 26 38
महराजगंज 21 32
कुशीनगर 22 37
सिद्धार्थनगर 20 30
वर्जन
कोशिश यह है कि एंबुलेंस सेवा को लेकर पेशेंट्स को किसी प्रकार की दिक्कत न हो. इसलिए उनकी शिकायतों को गंभीरता से लिया जाता है. महीने में एक दो बार एंबुलेंस संचालकों के साथ मीटिंग की जाती है. साथ ही एक अफसर इनकी मॉनिटरिंग करता है. शिकायत मिलने पर दोषी चालक के खिलाफ कार्रवाई भी होती है.
- डॉ. श्रीकांत तिवारी, सीएमओ गोरखपुर