नई दिल्ली (पीटीआई)। क्रिकेट की सबसे बड़ी संस्था इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने मैच के दौरान 'नो बाॅल' को लेकर होने वाली चूक पर बड़ा फैसला लिया है। आईसीसी ने आने वाले छह महीनों में कुछ निश्चित मैचों में 'नो बाॅल' देने का अधिकार थर्ड अंपायर को दे दिया है। यह ट्राॅयल के तौर पर किया जा रहा। आईसीसी के जनरल मैनेजर जेफ एलरडाइस ने क्रिकइन्फो को बताया, 'हां अगले छह महीनों तक कुछ चुनिंदा सीमित ओवरों के मैच में ट्राॅयल के तौर पर थर्ड अंपायर को 'नो बाॅल' देने का अधिकार दिया जाएगा, अगर यह सफल रहता है तो भविष्य में इसे सभी मैचों के लिए लागू कर दिया जाएगा।'

थर्ड अंपायर करेगा नो-बाॅल का फैसला

आईसीसी की मानें तो, थर्ड अंपायर के सामने किसी भी गेंदबाज के फ्रंट फुट लैंडिंग की इमेज कुछ सेकेंड्स में ही दिखाई दे जाती है। ऐसे में वह तुरंत ऑन फील्ड अंपायर को इसकी जानकारी दे सकता है। ऐसे में मैदानी अंपायरों द्वारा 'नो बाॅल' को लेकर होने वाली चूक को रोका जा सकेगा और सभी गेंदें वैलिड रहेंगी। बता दें टेस्ट क्रिकेट में एक बार इस सिस्टम का उपयोग किया जा चुका है। साल 2016 में इंग्लैंड बनाम पाकिस्तान टेस्ट सीरीज में इस नियम का इस्तेमाल हुआ था।

अभी तो यह ट्राॅयल है

अब आईसीसी सीमित ओवरों के खेल में इस नियम का टेस्ट करना चाहती है। जनरल मैनेजर जेफ कहते हैं, 'क्रिकेट कमेटी ने यह फैसला लिया है कि इसे वनडे और टी-20 में ट्रायल किया जाए। साल 2018 में दुनिया भर के सभी मैचों में करीब 84000 गेंदे फेंकी गईं, ऐसे में हर एक गेंद को बारीकी से देखना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। मगर हम जानते हैं कि एक बार बदलाव होता है यह फिर सभी मैचों में लागू कर दिया जाएगा।'

पिछले साल 80 मैदानों में खेला गया मैच

क्या ये नियम सभी मैचों में लागू होगा। इस पर जेफ ने जवाब दिया, 'पिछले साल कुल 80 मैदानों पर मैच खेला गया और इन मैचों के लिए अलग-अलग टीवी कवरेज की गई। ऐसे में सभी में तो नहीं मगर कुछ मैचों में इसे आसानी से लागू किया जा सकता है। अभी कुल 104 सदस्य देश हैं जो टी-20 इंटरनेशनल मैच खेलते हैं। इनमें से कुछ टीमों के मैच तो टीवी पर लाइव टेलिकाॅस्ट भी नहीं किए जाते। ऐसे में हम वहां क्या करेंगे, इसलिए अभी अगले छह महीनों के लिए इस ट्राॅयल के तौर पर यूज किया जाएगा।

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