सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा

कश्मीर में एक बार फिर पाकिस्तान के झंडे लहराए जाने का मामला कल बुधवार को दोहराया गया. वहां प्रशासन और पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद कश्मीर में अलगाववादियों द्वारा पाकिस्तानी ध्वज लहराए जाने का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है. कल बुधवार को फिर डाउन-टाउन में झंडे लहराए जाने के साथ ही आजादी समर्थक नारेबाजी भी हुई. हुआ यूं कि आज हुर्रियत नेता हवल गोलीकांड और मीरवाइज के पिता दिवंगत मीरवाइज मौलवी फारूक की आज 21 मई को बरसी हैं. इस सिलसिले में कल जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के नेता जावेद मीर व अन्य एक रैली निकाल रहे थे. इस दौरान रैली में शामिल काफी संख्या में हुर्रियत समर्थक हाथों में झंडे और गो इंडिया गो के नारे लगाते निकल रहे थे.

मीरवाइज मौलवी उमर फारूक नजरबंद

ऐसे में इस दौरान डाउन-टाउन में इस्लामिया कॉलेज के पास काफी संख्या में इकट्ठा हुए अलगाव अलगाववादियों के समर्थकों ने पाकिस्तान के झंडे  लहराना शुरू कर दिया. वे यहीं नहीं थमें इसे साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के समर्थन में जमकर नारेबाजी भी की है. हालांकि इस पूरी रैली का नेतृत्व मीरवाइज मौलवी उमर फारूक को संभालना था, लेकिन जब मीरवाइज मौलवी उमर फारूक को नजरबंद कर लिया गया तो यह रैली का नेतृत्व जावेद मीर ने किया. गौरतलब है कि 21 मई 1990 को आतंकियों ने मीरवाइज के पिता फारूक अहमद की उनके घर पर दर्दनाक तरीके से हत्या कर दी थी. इतना ही नहीं उनका जनाजा निकलते समय आतंकियों ने जूलूस पर गोली चलाई. इस दौरान करीब 57 लोगों की मौत हुई थी.

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