न्यूयॉर्क (एएनआई/आईएएनएस)। यूएन में रूस के खिलाफ आए प्रस्ताव पर भारत ने वोटिंग नहीं की। भारत के साथ-साथ चीन और संयुक्त अरब अमीरात भी वोटिंग से दूर रहे। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा करने वाले सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर कई देशों ने मोहर लगाई जिसमें अमेरिका ब्रिटेन जैसे बड़े देश शामिल रहे। प्रस्ताव के पक्ष में कुल 11 वोट पड़े मगर आखिर में रूस ने वीटो लगाकर इसको रद कर दिया।प्रस्ताव में यह घोषित करने की मांग की गई कि रूस ने यूक्रेन के खिलाफ आक्रामकता का कार्य किया है और मौजूदा स्थिति अंतरराष्ट्रीय शांति का उल्लंघन है। इसमें यह भी मांग की गई थी रूस यूक्रेन के खिलाफ अपने बल के प्रयोग को तुरंत बंद कर दे और यूक्रेन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर से अपने सैन्य बलों को पूरी तरह से वापस ले ले।

हिंसा को तत्काल किया जाए समाप्त
यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, टी.एस. तिरुमूर्ति ने कहा, "यूक्रेन में हाल के घटनाक्रम से भारत बहुत परेशान है। हम आग्रह करते हैं कि हिंसा और शत्रुता को तत्काल समाप्त करने के लिए सभी प्रयास किए जाएं।" तिरुमूर्ति ने कहा कि मानव जीवन की कीमत पर कभी भी कोई समाधान निकाला जा सकता है। तिरुमूर्ति ने यूक्रेन में भारतीय समुदाय के कल्याण और सुरक्षा पर भी चिंता व्यक्त की।'

बातचीत से निकालें हल
तिरुमूर्ति ने आगे कहा, "हम यूक्रेन में बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों सहित भारतीय समुदाय के कल्याण और सुरक्षा के बारे में भी चिंतित हैं," उन्होंने कहा, "समकालीन वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून और सम्मान पर बनाई गई है।" तिरुमूर्ति ने कहा, "सभी सदस्य देशों को रचनात्मक तरीके से आगे बढ़ने के लिए इन सिद्धांतों का सम्मान करने की आवश्यकता है। वार्ता ही मतभेदों और विवादों को सुलझाने का एकमात्र जवाब है, हालांकि, इस समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है।" तिरुमूर्ति ने कहा, "यह खेद की बात है कि कूटनीति का रास्ता छोड़ दिया गया। हमें इस पर वापस लौटना चाहिए। इन सभी कारणों से भारत ने इस प्रस्ताव पर वोटिंग से दूर रहने का विकल्प चुना है।"

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