नई दिल्ली (आईएएनएस/पीटीआई)। नेशनल डिफेंस कॉलेज की डायमंड जुबली के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के साथ सीमा गतिरोध पर एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय देश है और यह शांति केवल युद्ध को रोकने की क्षमता के माध्यम से सुनिश्चित की जा सकती है। हम मानते हैं कि मतभेद विवाद नहीं बनने चाहिए। हम बातचीत के माध्यम से मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए महत्व देते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत सीमाओं पर शांति बनाए रखने के लिए चीन के साथ किए विभिन्न समझौतों का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

अमेरिका संग भारत की रणनीतिक साझेदारी पहले से ज्यादा मजबूत

रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि भारत एकपक्षीयता और अक्रामकता की स्थिति में अपनी सम्प्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए दृढ़ है। फे्रंडली कांउटीज के साथ भारत के संबंधों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा हमने पश्चिम में सऊदी अरब, यूएई और ओमान के साथ और पूर्व में इंडोनेशिया, वियतनाम और दक्षिण कोरिया के साथ अपने संबंधों के दायरे और गुणवत्ता को बढ़ाया है। पश्चिम एशिया, दक्षिण पूर्व और पूर्वी एशिया में साझेदार देशों तक पहुंचने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष रुचि थी। उन्होंने कहा कि अमेरिका संग भारत की रणनीतिक साझेदारी पहले से ज्यादा मजबूत है।

भारत के रूस के साथ भी मजबूत, पारंपरिक और गहरे संबंध बने हैं

भारत के सहयोगी रूस के बारे में बात करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत के रूस के साथ भी मजबूत, पारंपरिक और गहरे संबंध हैं। हमारे दोनों देशों ने अतीत में हमारी करीबी समझ और एक-दूसरे की चिंताओं और हितों की सराहना के माध्यम से कई चुनौतियों का सामना किया है। पाकिस्तान को छोड़कर, आतंकवाद को बढ़ावा देने के उसके एजेंडे को देखते हुए, भारत ने सभी पड़ोसियों के साथ अपने संबंधों में सुधार किया है। बता दें कि भारत और चीन पिछले सात महीने से पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद में उलझे हुए हैं। दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत के बावजूद भी यह तनाव व विवाद अनसुलझा रहा।

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