फ्लिपकार्ट को भी मिलेगी मदद
जैसे की पूर्व विदित है कि फ्लिपकार्ट की ओर से यह कदम अपनी साइट का विस्तार करने के उद्देश्य से भी उठाया गया है. ऐसे में इसे स्नैपडील और अमेजन जैसी ई-कामर्स कंपनियों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच आगे बढ़ने में काफी मदद मिलेगी. इसको लेकर कंपनी का कहना है कि डब्बावाले 120 साल से भी ज्यादा समय से टिफिन बॉक्स की डिलीवरी के पेशे में हैं. काफी लंबे से यह काम अनवरत चलता आ रहा है. लोग भी इसका जमकर इस्तेमाल करते हैं.

क्ुछ ऐसे होगी प्रक्रिया पूरी
अब ये संभव कैसे होगा, ये भी बता दें तो दोनों के बीच हुए करार के तहत डब्बावाले फ्लिपकार्ट के आपूर्ति केंद्रों से शिपमेंट लेकर संबंधित ग्राहकों तक उनको पहुंचाएंगे. वे डब्बा उठाते वक्त दोनों कामों को एक साथ करेंगे. हां, होगी सिर्फ एक चीज, वह यह कि इस स्तर पर विक्रेताओं संग डिब्बावालों की कोई बातचीत नहीं हो सकेगी.

क्या कहना है कंपनी का
इस नियम को लेकर कंपनी का कहना है कि इसे हकीकत की जमीं पर उतारने के लिए डब्बावाले के पहले बैच को प्रशिक्षण के लिए फ्लिपकार्ट के आपूर्ति केंद्रों पर भेजा दिया गया है. वे अभी फिलहाल कागज पर लिखे पते वाली ट्रैकिंग प्रणाली का ही इस्तेमाल करेंगे. उसके बाद में उन्हें मोबाइल ऐप्लिकेशन के प्रशिक्षण के साथ-साथ पहनने लायक सभी आवश्यक उपकरण भी मुहैय्या कर दिए जाएंगे. हर तरह की तैयारी लगभग पूरी है. जानकारी देते हुए फ्लिपकार्ट के वरिष्ठ निदेशक नीरज अग्रवाल कहते हैं कि मुंबई में डब्बावाला सबसे अधिक भरोसेमंद ब्रांड है. उनकी अनोखी आपूर्ति प्रणाली बिल्कुल स्वच्छ व सबसे ज्यादा भरोसेमंद है.

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