आनंदीबेन ने महिलाओं के लिए कई विशेष योजनाएं तैयार करने का मन बनाया है.

उन्होंने बीबीसी से बातचीत में महिलाओं के लिए 50 हज़ार और नए सखी मंडल बनाने की बात कही.

उन्होंने कहा, "महिलाओं में शक्ति है, कला कौशल है, इन सब का उपयोग करके, अपने आप महिला आर्थिक रूप से मजबूत बनें. जब एक परिवार मज़बूत बनता है तो गुजरात आगे चलता है."

संघ के साथ रिश्ते

संघ के जो विचार हैं,वही मेरे विचार हैं: आनंदीबेन

आनंदीबेन नरेंद्र मोदी की क़रीबी मानी जाती हैं. उनका कहना है कि संध से उनके क़रीबी रिश्ते हैं. संगठन और उनके विचार मिलते हैं.

संघ परिवार से अपने रिश्ते पर बात करते हुए उन्होंने कहा, "संघ के साथ मेरे क़रीबी रिश्ते न होने की बातें गलत हैं. मैं संघ के साथ जुड़ी हुई हूं. मगर मैंने कैंपस नहीं किए और न ही विद्या भारती में गई हूं लेकिन जो संघ के विचार हैं वही मेरे विचार हैं. और संघ के किसी भी नेता से मैं दूर नहीं हूं."

लेकिन उन्होंने इस बात से इनकार किया कि उनकी सरकार किसी के इशारे पर चलेगी. उन्होंने कहा कि गुजरात के संबंध में वे जो भी फ़ैसला लेंगी वो उनका अपना फ़ैसला होगा.

इसके जवाब में उन्होंने कहा, "अब फ़ैसला हमें ही लेना है. संघ कहीं भी दख़लअंदाज़ी नहीं करता है."

गुजरात में मुख्यमंत्री की कुर्सी की दौड़ में अमित शाह और दूसरे नेता भी शामिल थे. लेकिन जीत आनंदीबेन की हुई. ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि अमित शाह और आनंदीबेन के बीच रिश्ते सामान्य नहीं हैं.

अमित शाह भी मोदी के बहुत क़रीबी बताए जाते हैं.

अमित शाह के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, "देखिए ये सारी ख़बरे मीडिया द्वारा शुरू किए गए मुद्दे हैं. मैंने और अमित भाई ने सालों से साथ काम किया है और आगे भी करते रहेगें. वे गुजरात आए थे तब भी हम साथ में बैठे थे चर्चा की थी."

आइरन लेडी

संघ के जो विचार हैं,वही मेरे विचार हैं: आनंदीबेन

गुजरात में आनंदीबेन आइरन लेडी के नाम से मशहूर हैं. गुजरात को डिज़िटलाइज़ करने में उनकी बड़ी भूमिका है. मुख्यमंत्री रह चुके नरेंद्र मोदी के कई महत्वपूर्ण परियोजनों में आनंदीबेन ने प्रमुख भूमिका निभाई है. लेकिन अक्सर उन्हें अपने काम की सराहना नहीं मिली. लेकिन आनंदीबेन का कहना है कि उन्हें सराहना की कोई आवश्यकता नहीं.

उन्होंने कहा, "हम काम सराहना के लिए नहीं करते. हम काम करते हैं सिर्फ़ प्रजा (जनता) के लिए और प्रजा इसे जानती है. हमारे लिए यही काफ़ी है."

पद ग्रहण करने से पहले वो आत्मविश्वास से भरी सुनाई दीं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का पद लेते वक़्त उनमें "कोई घबराहट नहीं".

उन्होंने कहा, "हमें गुजरात की प्रजा पर भरोसा है. संगठन पर भरोसा है. गुजरात के मंत्रीमंडल पर भरोसा है. सभी एमपी और एमएलए पर भरोसा है. हम सभी के अंदर गुजरात की सेवा करने का ही लक्ष्य है. इसलिए घबराहट के लिए यहां कोई जगह नहीं है."

International News inextlive from World News Desk