रांची (ब्यूरो)। इसके साथ ही यह भी इशारा कर दिया है कि कांग्रेस भी 30 सीटों पर लड़ेगी। हालांकि अपने सहयोगी पार्टियों को इसी में हिस्सेदारी भी दे सकती है। अब तक राजद को अधिकतम सात सीटें मिलने के आसार दिख रहे हैं। दो सीटें मार्क्सवादी समन्वय समिति (मासस) के लिए भी छोड़ने पर सहमति बनी है। अब महागठबंधन में बाबूलाल मरांडी के लिए कुछ नहीं बचा है। माकपा और भाकपा भी गठबंधन से बाहर ही रहेंगी। शुक्रवार को इस मसले पर औपचारिक घोषणा होगी।

हो सकती है सीट बंटवारे की संयूक्त घोषणा

कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह विशेष तौर पर रांची पहुंच रहे हैं और वे हेमंत सोरेन व तेजस्वी यादव के साथ सीट बंटवारे की घोषणा संयुक्त रूप से संवाददाताओं को संबोधित कर सकते हैं। झामुमो को गठबंधन में बड़ा भाई मानने पर कांग्रेस के राजी होने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह ने कहा कि गठबंधन में कोई बड़ा-छोटा नहीं है। हम सभी रघुवर दास सरकार को हटाने के संकल्प के साथ चुनाव मैदान में जा रहे हैं।

सीट के पेंच में फंसे बाबूलाल

बाबूलाल मरांडी की जेवीएम के गठबंधन से बाहर होने की मुख्य वजह सीट बंटवारे का पेंच ही रहा है। मरांडी किसी सूरत में 15 सीट से कम पर राजी नहीं होते। साथ ही पिछली बार जेवीएम के जीते विधायकों के चुनाव बाद तत्काल पाला बदलकर भाजपा में जाने की घटना को लेकर भी महागठबंधन इस बार सतर्क था। इसीलिए कांग्रेस-झामुमो ने मरांडी को मनाने की ज्यादा पहल नहीं की है।

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