छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: सीतारामडेरा पुलिस शुक्रवार को भी गैंगस्टर अखिलेश सिंह को रिमांड पर नहीं ले सकी। उपेंद्र सिंह हत्याकांड में पुलिस ने कोर्ट से पांच दिनों का रिमांड मांगा था। मामले में न्यायिक पदाधिकारी के। लोहरा की अदालत में शुक्रवार को लंबी बहस हुई। सरकारी पीपी जय प्रकाश तथा अखिलेश सिंह के अधिवक्ता विद्या सिंह के बीच रिमांड को लेकर लंबी बहस हुई। अखिलेश के अधिवक्ता विद्या सिंह ने अदालत में दलील दी कि चूंकि उपेंद्र सिंह हत्याकांड में अखिलेश सिंह का चार्जसीट आ गया है। ऐसी स्थिति में केस को दोबारा रीओपन करना गलत है। रिमांड पर लेने की प्रक्रिया को भी पूरी तरह गलत करार देते हुए अधिवक्ता विद्या सिंह ने कहा कि एमजीएम हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने अखिलेश की एमआरआई रिपोर्ट देखने के बाद 10 दिनों का बेड रेस्ट का सुझाव दिया है तो वहीं 23 नवंबर को जेल के डॉक्टर ने भी अखिलेश की जांच के बाद उसे 30 दिन का बेड रेस्ट करने की सलाह दी है।

कोर्ट आज सुनाएगी फैसला

अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि अखिलेश को पुलिस पहले ही पांच दिनों के रिमांड पर ले चुकी है। बावजूद इसके पुलिस अब तक कंफेसनल भी उपलब्ध नहीं करा पाई है। ऐसे में लग रहा कि अखिलेश को रिमांड पर लेकर केवल परेशान किया जा रहा है। अधिवक्ता विद्या सिंह ने न्यायालय को बताया कि डॉक्टर ने यहां तक कह दिया है कि यदि अखिलेश सिंह को बेडरेस्ट में नहीं रखा गया और इसी तरह परेशान किया गया तो वह हमेशा के लिए अपंग भी हो सकता है। अदालत ने दोनों पक्षों की बातों को सुनने के बाद अखिलेश सिंह को रिमांड पर लेने की फैसले को सुरक्षित रख लिया। अदालत ने इस मुद्दे पर शनिवार को फैसला सुनाने की बात कही है।

कोर्ट कैंपस में हुई थी उपेंद्र की हत्या

झामुमो नेता सह ट्रांसपोर्टर उपेंद्र सिंह की हत्या 30 नवंबर 2016 को जमशेदपुर न्यायालय परिसर के अंदर की गई थी। हत्या के पीछे अखिलेश का ही नाम आया था। इस घटना के बाद पुलिस ने अखिलेश के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई करनी शुरू कर दी थी। उपेंद्र सिंह की हत्या के बाद पुलिस कार्रवाई के कारण अखिलेश को शहर छोड़ना पड़ा था। अखिलेश सिंह के खिलाफ पहली बार बड़ी कार्रवाई करते हुए उस समय पुलिस ने उसके सिदगोड़ा आवास की कुर्की की थी।