अगर आप ट्रेन में लैपटॉप के साथ ट्रैवल करने की सोच रहे हैं तो एलर्ट हो जाएं। ट्रेन में कुछ एक्सपर्ट चोरों की नजर आपके लैपटॉप पर है। टाटानगर जीआरपी थाने में 6 महीनों में जितनी भी चोरियों के मामले दर्ज हुए हैं, उनमें 25 परसेंट लैपटॉप चोरी के हैं। हालांकि, रेलवे ने टाटानगर से लगने वाले कुछ रूट्स पर चोरी और नशाखुरानी रोकने के लिए स्पेशल टीम बनाई है, लेकिन ऐसे मामले रुक नहीं रहे हैं।

फॉरनर को भी नहीं बख्सा
लैपटॉप चोरों ने फॉरनर के लैपटॉप भी उड़ा लिए। 11 जून को ऑस्ट्रेलियन सिटीजन गेराल्ड वाइवल शालीमार-कुर्ला से ट्रैवल कर रहे थे। इस दौरान उनका लैपटॉप गायब हो गया था। 22 मई को बंगलुरू के हर्ष कुमार और 27 अप्रैल को आंध्रप्रदेश के एमआर एनायतुल्ला शरीफ का लैपटॉप भी चोर ले भागे। ये सारे मामले टाटानगर जीआरपी थाने में दर्ज कराए गए हैं।

40 में 10 मामले लैपटॉप चोरी के
जनवरी से जून 2012 तक टाटानगर जीआरपी थाने में कुल 40 चोरी के मामले दर्ज हुए। इनमें 10 लैपटॉप चोरी के थे। जीआरपी का कहना है कि लैपटॉप चोरी के मामले पिछले कुछ महीनों में ज्यादा सामने आए हैं। टाटानगर जीआरपी थाना इंचार्ज लक्ष्मण प्रसाद कहते हैं कि लैपटॉप चोरी के बाद उसे चोर कहीं भी तुरंत सेल कर देते हैं इससे उन्हें कैश मिल जाता है। पिछले 5 महीने में 15 मामले नशाखुरानी के भी दर्ज हुए हैं।

बनाई गई थी special team
चोरी और नशाखुरानी को रोकने के लिए आरपीएफ और जीआरपी ने मिलकर स्पेशल टीम बनाई थी। चोरी और नशाखुरानी की घटनाएं टाटा-आसनसोल और झारसुगुड़ा-राउरकेला के अलावा रांची-मुरी-बोकारो रूट पर ज्यादा होती हैं। स्पेशल टीम में बीबी सिंह के नेतृत्व में 5 मेंबर्स वाली टीम टाटा रूट के लिए, बीबी कुरूस्ती के नेतृत्व में 4 मेंबर्स वाली टीम झारसुगुड़ा रूट के लिए और यूके सिंह के नेतृत्व में 4 मेंबर्स वाली टीम रांची-बोकारो रूट पर चोरी और नशाखुरानी रोकने के लिए थी। सभी टीम को आपस में को-ऑर्डिनेशन के साथ काम करने का इंस्ट्रक्शन दिया गया।