ऐसा रहा सफर
गोवा के रहने वाले और मुंबई से इंटर तक की पढ़ाई करने के बाद सेंट जेवियर्स कॉलेज रांची से इंग्लिश में ग्रेजुएट फादर इमिल कोइलो के दिल में प्यार, जुबान पर मिठास और बॉडी में एनर्जी का तालमेल ही उन्हें इस नोबल कॉज के लिए इंस्पायर्ड करता है। सिटी के लोयला स्कूल और धनबाद के डि-नोबिली स्कूल में पढ़ाने के बाद वे रिटायर हुए। इसके बाद फादर कोइलो ने सिटी में रूरल बैकग्राउंड से आए स्टूडेंट्स को फ्री में स्पोकेन इंग्लिश और पर्सनैलिटी डेवलपमेंट का कोर्स कराना शुरू कर दिया। सिटी के चार कॉलेजेज, एबीएम, केएमपीएम वोकेशनल कॉलेज, को-ऑपरेटिव कॉलेज और एलबीएसएम कॉलेज में वे स्टूडेंट्स को पढ़ाने जाते हैं। उनका साफ मानना है कि प्रजेंट ग्लोबल वल्र्ड में खुद को बनाए रखने के लिए तीन चीजों की जरूरत है। इसमें, इंग्लिश, कंप्यूटर का नॉलेज और अच्छी पर्सनैलिटी शामिल है। यही वजह है कि वे इसको लेकर काम कर रहे हैं। वे अलग-अलग काम करने में विश्वास नहीं रखते हैं। उनका तो बस यही कहना है, वर्किंग टूगेदर ऐज वन।

सपोर्ट के लिए रहते हैं तैयार
फादर इमिल कोयलो फ्री में सिर्फ पढ़ाते ही नहीं बल्कि उन्होंने जरूरतमंद स्टूडेंट्स को इकोनॉमिक सपोर्ट प्रोवाइड कराने के लिए 16 अप्रैल 2011 को सिटी के सभी कॉलेजेज के स्टूडेंट्स को साथ लेकर ‘सर्व मिलन’ संस्था बनाई। इस संस्था द्वारा लास्ट इयर धनतेरस के दिन लोयला ग्राउंड पर सर्व मिलन महामेला ऑर्गेनाइज किया गया था। इसमें डिफरेंट कॉलेजेज के 350 स्टूडेंट्स की ओर से 93 स्टॉल्स लगाए गए थे। उनका कहना है कि कंट्री को स्ट्रांग बनाने के लिए स्टूडेंट पावर की खास जरूरत है। इसके लिए जरूरी है कि यूथ के स्किल को डेवलप किया जाए।

इनके लिए इंस्पीरेशन हैं फादर कोयलो
फादर इमिल कोयलो का सोसायटी के प्रति लगाव, यूथ के डेवलपमेंट के लिए हमेशा तत्पर रहना और उनके एनर्जी का लेवल ही वैसे यूथ के लिए इंस्पीरेशन का काम करता है जो सोसाइटी के लिए कुछ करना चाहते हैं। यूथ फॉर सोशल सर्विसेज के प्रेसिडेंट विभूति भूषण झा कहते हैं कि इससे जुड़े 50 से ज्यादा यूथ विलेजेज जाकर अंडरप्रिविलेज बच्चों को फ्री में पढ़ाते हैं। उनका कहना था कि उनके और उनकी टीम को इंस्पायर्ड करने में फादर इमिल कोयलो का अहम रोल है। इसकी खास वजह वे वर्कशॉप और सेमिनार में फादर के स्पीच और सोसाइटी के प्रति उनकी सोच को बताते हैं।

फादर इमिल कोयलो की खासियत है कि वे स्टूडेंट्स के इंटरेस्ट को जानते हैं। उसी वे में उन्हें पढ़ाने और कुछ सिखाने की कोशिश करते हैं। सोशल सर्विस के प्रति उनकी तत्परता और ईमानदारी ही उन्हें एक अलग टीचर के रूप में पहचान देती है। मैं उन्हें गे्रजुएट कॉलेज में पढ़ाने के लिए आने का रिक्वेस्ट करूंगी।
- डॉ उषा शुक्ला, प्रिंसिपल ग्रेजुएट कॉलेज

फादर इमिल कोयलो की अलग सोच ने ही सिटी के सभी कॉलेज के स्टूडेंट्स को एक मंच पर ला दिया। हम सर्व मिलन के तहत अंडरप्रिविलेज स्टूडेंट्स की हेल्प करते हैं।
- प्रियंका कुमारी, मेंबर सर्व मिलन

फादर कोयलो जरूरतमंद बच्चों को न सिर्फ फ्री में पढ़ाते हैं बल्कि वे उनकी फाइनांसियल हेल्प भी करना चाहते हैं। इसीलिए सर्व मिलन बना। वे हमेशा एनर्जेटिक रहते हैं और पॉजिटिव सोच के साथ काम करते हैं।
- हरविंदर कौर, मेंबर सर्व मिलन

Report by : amit.choudhary@inext.co.in

National News inextlive from India News Desk