नक्सलियों से जुड़ते रहे हैं students व youth
एबीएम कॉलेज के स्टूडेंट का नक्सलियों से जुडऩे की घटना पहली नहीं है। इससे पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आते रहे हैं। पहले भी एलबीएसएम कॉलेज के एक प्रोफेसर को नक्सलियों से सांठगांठ के आरोप में पुलिस ने अरेस्ट किया था। इस प्रोफेसर का भाई नक्सलियों के साथ जुड़ा था। हालांकि बाद में पुलिस ने प्रोफेसर को छोड़ दिया.   
कोई जगह अछूती नहीं
ऐसी घटनाएं देखने से लगता है कि नक्सलियों का दायरा बढ़ता जा रहा है। वे कॉलेज स्टूडेंट्स को अपने साथ जोडऩे का लगातार प्रयास कर रहे हैैं.  समय-समय पर वे जॉब की तरह वैकेंसी भी निकालते हैैं और पढ़े लिखे युवाओं को मंथली सैलरी पर अपने साथ रखते हैं। इन युवाओं का काम लोगों को मोटिवेट करना, पोस्टर चिपकाना, लेवी की रकम लाना आदि होता है।

कई colleges जुड़े हैं
पूर्व में खुफिया विभाग द्वारा दी गई सूचना के मुताबिक कंट्री के कुछ कॉलेजेज जैसे जेएनयू, डीयू, प्रेसिडेंसी कॉलेज, जाधवपुर यूनिवर्सिटी सहित कोलकाता के स्टूडेंट्स के प्रति नक्सलियों के सॉफ्ट कॉर्नर की बात सामने आयी थी।

Government plan हो रहे नाकाफी
नक्सलियों का स्टूडेंट्स व यूथ के साथ जुडऩे से पुलिस द्वारा चलाए जा रहे रीहैबिलिटेशन प्लान व नक्सलियों को मेन स्ट्रीम से जोडऩे के लिए किए जा रहे प्रयास के दावे खोखले साबित हो रहे हैैं। अगर सही ढंग से इस तरह की कोई कार्रवाई होती तो सिचुएशन इतनी खराब नहीं होती। हालांकि गवर्नमेंट द्वारा रूरल एरिया में यूथ को जॉब ट्रेनिंग देने के लिए फंड भी दिया जा रहा है। इसके बावजूद नक्सलियों का बढ़ता दायरा गवर्नमेंट व पुलिस के लिए चैलेंज बनता जा रहा है।

'नक्सलिज्म की शुरुआत पढ़े लिखे लोगों से ही हुई है। कॉलेज गोइंग स्टूडेंट्स व यूथ को अपने साथ जोडक़र वे अपना दायरा बढ़ा रहे हैं। इसके लिए कई लेवल पर सुधार करने की जरूरत है। गवर्नमेंट के साथ-साथ आम पब्लिक को भी इसके लिए आगे आना होगा.'
-डॉ विजय कुमार, सोसियोलॉजिस्ट

Report by: goutam,ojha@inext.co.in