-ईदगाहों में अदा की गई नमाज

-एक-दूसरे के गले मिले और ईद की मुबारकबाद दी

JAMSHEDPUR: शहर में ईद-उल-फितर का त्योहार पूरे अकीदत व एहतराम के साथ मनाया गया। शहर की मस्जिदों और ईदगाहों में हजारों सर खुदा की इबादत में झुके और अमन-चैन की दुआएं मांगी। इसके बाद गले मिल कर एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी।

बेकसूरों का खून बहाना इस्लाम में जायज नहीं

धतकीडीह मस्जिद में पेश इमाम मुफ्ती अमीरुल हसन ने ईद की नमाज अदा करवाई। उन्होंने खुतबे में अमन व इंसानियत का पैगाम दिया। कहा कि ईद के मौके पर गरीबों का भी ख्याल रखना चाहिए। ऐसा करें कि गरीब भी खुशी से ईद मनाएं और उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं हो। उनकी इमदाद करना हमारा फर्ज है। मुफ्ती अमीरुल हसन ने कहा कि सारे मुसलमान आपस में भाई हैं। इसलिए आपस में झगड़ा करना और बेकसूर इंसान का खून बहाना इस्लाम में नाजायज है। धतकीडीह के अलावा जाकिर नगर की शिया जामा मस्जिद मस्जिद-ए-जाफरिया में मौलाना सै। मोहम्मद हसन, धतकीडीह ईदगाह में मुफ्ती मंजर मोहसिन, साकची जामा मस्जिद में मौलाना अतहर गजाली, मानगो बारी मस्जिद मौलाना अब्दुल जब्बार आदि ने ईद की नमाज अदा करवाई।

सात ईदगाहों में हुई ईद की नमाज

शहर में ईद की नमाज सात ईदगाहों में हुई। बर्मामाइंस ईदगाह, टेल्को बारीनगर ईदगाह, जुगसलाई ईदगाह, धतकीडीह ईदगाह, आजादनगर ईदगाह, आमबगान ईदगाह और बागबेड़ा के महवारी शरीफ ईदगाह में ईद की नमाज अदा की गई। टेल्को ईदगाह में मौलाना इरफान, जुगसलाई ईदगाह में कारी मुश्ताक, धतकीडीह ईदगाह में मुफ्ती मंजर मोहसिन, आजाद नगर ईदगाह में मौलाना अब्दुल मलिक और आमबगान ईदगाह में मुफ्ती जैनुल आबेदीन ने ईद की नमाज अदा करवाई।

रमजान जैसे गुजारें आम दिन : मो। हसन

मानगो की जाकिर नगर शिया जामा मस्जिद में पेश इमाम मौलाना मोहम्मद

हसन ने ईद की नमाज अदा करवाई। उन्होंने खुतबे में कहा कि ईद उनकी है जिन्होंने तीस दिन रोजे रखे। जिन्होंने रोजा नहीं रखा उनके लिए यह अफसोस का दिन है। वह सोचें कि वह अल्लाह के इस महीने में भी अपने मालिक की इबादत से क्यों दूर रहे और आइंदा साल रोजे रखें। यही नहीं, यह ट्रेनिंग का महीना था। इसलिए आम दिनों में भी अल्लाह की इबादत करें और खुद को गलत बातों से बचाएं।

गांधी मैदान में उठाया मेले का लुत्फ

ईद की नमाज के बाद दोपहर में मानगो गांधी मैदान में मेला लगा। इस मेले में आकर लोगों ने खूब लुत्फ उठाया। नौनिहालों ने तरह-तरह के झूले का आनंद उठाया। मेला देर रात तक चला। मेले में भारी तादाद में औरतें और बच्चे आए थे। यह मेला हर साल ईद के मौके पर लगता है।

देर रात तक चला दावतों का सिलसिला

ईद की नमाज के बाद लोगों का एक-दूसरे के घरों में जाकर दावतें उड़ाने का सिलसिला देर रात तक चला। लोगों ने सेवई व लच्छों का

लुत्फ लिया। दूसरे पहर महिलाएं भी एक-दूसरे के घर गई और सेवइयां ख्राई।