लास्ट डेट था 30 अप्रैल

एक्चुअली, कॉलेज ने एग्जामिनेशन फॉर्म भरने का लास्ट डेट 30 अप्रैल तय कर रखा था। इन स्टूडेंट्स का कहना था कि वे 30 अप्रैल को एग्जामिनेशन फॉर्म को वेरिफाई कराने के बाद काउंटर क्लर्क ने पैसे जमा करने से पहले एचओडी बीके मेहता से फॉरवर्ड कराने को कहा.स्टूडेंट्स उनके पास फॉरवर्ड कराने गईं, तो उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया। उस दिन के बाद से लगातार ये स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स कॉलेज का चक्कर लगाते रहे, लेकिन कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन ने साफ कह दिया था कि उन्हें एग्जाम में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। संडे को हंगामे और मीडिया तक बात पहुंचने के बाद प्रिंसिपल ने स्टूडेंट्स से अंडरटेकिंग लेकर एग्जाम में शामिल होने का परमिशन दे दिया। बीकॉम की दो स्टूडेंट्स संडे को एग्जाम में शामिल भी हुईं।


नहीं आए थे और आए थे पर निकलता जा रहा था समय
एग्जामिनेशन फॉर्म नहीं भर पाने वाली स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स संडे की सुबह 11 बजे ही वीमेंस कॉलेज कैंपस में पहुंच गए थे। उन सभी के पास एग्जामिनेशन फॉर्म था जिसे 30 अप्रैल के डेट में कॉलेज के ही स्टाफ ने वेरिफाई किया था। स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स कॉमर्स डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ बीके मेहता से बात करने की कोशिश करते रहे, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। उसके बाद स्टूडेंट्स कॉलेज के एग्जामिनेशन डिपार्टमेंट पहुंची। वहां एग्जामिनेशन कंट्रोलर नीलम और नुपुर पालित का कहना था कि वे सभी स्टूडेंट्स 30 अप्रैल को नहीं बल्कि 2 मई को फॉर्म भरने आई थीं। इस पर सभी स्टूडेंट्स ने एग्जामिनेशन फॉर्म दिखाया जिसपर 30 अप्रैल के डेट में स्टाफ ने वेरिफाई किया था।

प्रिंसिपल को आना पड़ा, फॉर्म देखकर ही मानी कि
कॉलेज में हो रहे हंगामे की खबर मिलने के बाद वीमेंस कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ सुमिता मुखर्जी और कॉमर्स के एचओडी डॉ बीके मेहता साथ में आए। प्रिंसिपल और एचओडी यह मानने को तैयार नहीं थे कि गल्र्स 30 को कॉलेज आई थीं। इसके बाद स्टूडेंट्स को प्रिंसिपल चेंबर में बुलाया गया और उन्होंने एग्जामिनेशन फॉर्म दिखाया तब जाकर प्रिंसिपल मानीं और स्टूडेंट्स से अंडरटेकिंग लिया गया और उन्हें मंडे को एग्जाम फीस जमा करने और उनका प्रोविजनल एडमिट कार्ड जारी करने का ऑर्डर दिया।


Behave youeself बोलती गई प्रिंसिपल
स्टूडेंट्स का साल बर्बाद होने की खबर मिलने के बाद झारखंड छात्र मोर्चा के पवन सिंह, सरफराज और हेमंत के अलावा कई और मेंबर्स कॉलेज पहुंच गए। इस मामले को लेकर प्रिंसिपल द्वारा स्टूडेंट्स को जिम्मेवार ठहराए जाने पर पवन सिंह गुस्से में आ गए और प्रिंसिपल के साथ तू-तू, मैं-मैं वाली स्थिति हो गई। प्रिंसिपल ने कहा अगर ऐसा होगा तो वे चेंबर छोडक़र चली जाएंगी। पवन ने भी उन्हें चले जाने को कह दिया। इसके बाद प्रिंसिपल लगातार बिहेव योरसेल्फ कहती रहीं।  


संडे को दोपहर 2 बजे से मेरा एग्जाम था। फॉर्म भरने के लास्ट डे, 30 अप्रैल को कॉलेज आई थी। फॉर्म को वेरिफाई किया गया पर फीस जमा नहीं ली गई। इसमें मेरी क्या गलती थी। बहरहाल, मुझे एग्जाम में एपीयर होने का परमिशन मिल गया है।
- दिशा रे, स्टूडेंट बीकॉम, जेडब्लूसी

लास्ट डे फीस क्यों नहीं जमा नहीं ली गयी। कॉलेज की गलती से मेरी बेटी का एक साल बर्बाद हो जाता। मैं बहुत टेंशन में थी। बेटी एग्जाम दे रही है इस बात की खुशी है।
- शुक्ला डे, दिशा की मां

मैं 30 अप्रैल को एग्जाम फॉर्म और फीस सब्मिट करने आई थी, पर फॉर्म वेरिफाई करवाने के बाद जब मैं काउंटर पर पहुंची तो वहां कहा गया कि एचओडी से फॉरवर्ड कराओ। उनके पास गई तो उन्होंने फॉर्म को फॉरवर्ड करने से मना कर दिया था।
- हरप्रीत कौर सिद्घू, स्टूडेंट, बीबीए सिक्स्थ सेमेस्टर


जब मेरी बेटी लास्ट डेट पर कॉलेज आई थी, तो उसका फॉर्म क्यों नहीं जमा लिया गया। बच्चों के साथ पेरेंट्स को भी परेशान होना पड़ा है। बेटी को एग्जाम देने का परमिशन मिल गया है।
- जसवीर सिंह सिद्धू, हरप्रीत के पापा

फॉर्म भरने से कई स्टूडेंट्स को रोका गया था। सच्चाई सामने आई और प्रिंसिपल ने हमें एग्जाम में एपीयर होने का परमिशन दिया इस बात की खुशी है।
- सबिता, स्टूडेंट, बीबीए फोर्थ सेमेस्टेर

मेरे पास गल्र्स दो मई को आई थीं। मुझे यह नहीं पता था कि वे 30 अप्रैल को आई थीं और उनका फॉर्म वेरिफाई किया गया था। इन स्टूडेंट्स से अंडरटेकिंग लेकर एग्जाम में एपीयर होने दिया जा रहा है। इनका प्रोविजनल एडमिट कार्ड बनाया जाएगा।
- डॉ सुमिता मुखर्जी, प्रिंसिपल, जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज

30 अप्रैल को मैंने किसी भी स्टूडेंट को नहीं लौटाया है। मैं ऐसा कैसे कर सकता हूं। स्टूडेंट्स गलत कह रही हैं।
- डॉ बीके मेहता, एचओडी, कॉमर्स डिपार्टमेंट, वीमेंस कॉलेज

Report by :jamshedpur@inext.co.in

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