जमशेदपुर (ब्यूरो): मंगलवार को भागवत कथा के तीसरे दिन मथुरा से आए कथा वाचक हिमांशु महाराज ने संकल्प और दृढ़ निश्चय से मानव को होने वाले लाभ की महिमा का गुणगान और अहंकार से होने वाले हानि के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि मनुष्य अहंकार छोडक़र सोचे तो, हर समस्या का समाधान मिलेगा। बिष्टुपुर सत्यनारायण मारवाड़ी मंदिर में कथावाचक द्वारा ध्रुव चरित्र और नरसिंह अवतार की कथा का रसपान कराया गया। उन्होंने कहा कि भगवान की प्राप्ति भाव एवं विश्वास के साथ होती है। भगवान कभी भक्त को दर्शन नहीं देते, क्योंकि भगवान भक्त के दर्शन करने के लिए जाते हैं। ध्रुव ने पांच वर्ष की अवस्था में अपनी सतौली मां सुरूचि के प्रताडऩा देने पर भगवान की तपस्या की। भगवान ने 6 माह की कठोर तपस्या के बाद पांच वर्ष के बालक ध्रुव को दर्शन देकर कृतज्ञ किया। इसी प्रकार यदि आज का मनुष्य भी अपने जीवन में दृढ़ निश्चय कर ले, तो कार्य बड़ा ही सहज रूप में प्राप्त हो जाता है।

मनमोहक झांकी की प्रस्तुति

भगवान नरसिंह, प्रहालाद और हिरणकश्यप की मनमोहक झांकी की प्रस्तुति के दौरान कथा व्यास ने आगे कहा कि हिरणकश्यप अहंकार का प्रतीक था। उसके पुत्र भक्त प्रहालाद ने अपनी कठोर भक्ति से अपने पिता हिरणकश्यप का अहंकार दूर किया। भक्त प्रहालाद के कारण ही भगवान विष्णु को खंभा फाड़ कर नरसिंह रूप में हिरणकश्यप का उद्धार करने के लिए अवतार लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि मनुष्य को अहंकार नहीं करना चाहिए, क्योंकि अहंकार मानवता को नष्ट कर देता है। चौथे दिन बुधवार को कथा वाचक द्वारा श्री कृष्ण जन्मोत्सव की झांकियों के साथ श्रीराम एवं श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाया जायेगा। तीसरे दिन यजमान के रूप में सुनीता-सुरेश नरेड़ी, नारायण भाउका, श्याम सुंदर नागेलिया, पवन गुप्ता, सतीश कुमार गर्ग मौजूद थे। साथ ही विजय आनन्द मूनका, बनवारी लाल सुरेश सरायवाला, पैराडाइज एवं गोपाल मूनका की तरफ से प्रसाद का आयोजन किया गया था।

इनकी रही मौजूदगी

इस मौके पर विधायक मंगल कालिंदी, मुकेश अगीवाल, अमित मूनका, किशन संघी, पंकज अग्रवाल, शिव कुमार शर्मा, हरिशंकर सोंथालिया, सुरेश कुमार आगीवाल, अशोक नरेड़ी समेत काफी संख्या में भक्त मौजूद रहे।