द्भड्डद्वह्यद्धद्गस्त्रश्चह्वह्म : परसुडीह के हलुदबनी स्थित नामोटोला निवासी श्यामल कानूनगो उन चंद खास वैज्ञानिकों में शामिल हैं जिन्होंने हाल ही में आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से सफलता पूर्वक प्रक्षेपित किये गये प्रक्षेपण यान (आरएलवी) को बनाने में अपना योगदान दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के शीर्ष वैज्ञानिकों में श्यामल की गिनती की जाती है। 23 मई को आरएलवी-टीडी के सफल प्रक्षेपण के बाद हलुदबनी में रहने वाले कानूनगो परिवार को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। इसी आरएलवी-टीडी मिशन से जुड़े हैं इसरो वैज्ञानिक श्यामल कानूनगो। 1.7 टन वजनी आरएलवी को आंध्र प्रदेश में इसरो के अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया।

पिता थे कानूनगो

जबतक श्यामल के पिता मनोरंजन कानूनगो बंडामुंडा रेलवे स्टेशन में कैरेज फोरमेन के रूप में कार्यरत रहे तबतक उनका परिवार बंडामुंडा में ही रहता था, लेकिन 20 साल पहले पूरा कानूनगो परिवार जमशेदपुर के परसुडीह स्थित नामोटोला आ गया। अब नामोटोला में ही पूरा परिवार रहता है। श्यामल कानूनगो के भाई आशीष कानूनगो फिलहाल रेलवे में इंजीनियर डिपार्टमेंट में सेवा दे रहे हैं और इन दिनों आदित्यपुर स्टेशन में सेवारत हैं।

आईआईटी खड़गपुर से एमटेक की ली डिग्री

साउथ इस्टर्न रेलवे स्कूल (बंडामुंडा) से स्कूल की पढ़ाई करने वाले श्यामल के पिता मनोरंजन कानूनगो सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारी हैं। श्यामल ने 1977 में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। साइंस में इंटर की पढ़ाई म्युनिसिपल कॉलेज राउरकेला से की। आइआइटी खड़गपुर से उन्होंने 1986 में एमटेक किया। इसके बाद उन्होंने कुछ समय के लिए जूनियर मैनेजर के रूप में छह माह तक टाटा मोटर्स में सेवा दी। टाटा मोटर्स छोड़ने के बाद श्यामल कानूनगो ने इसरो ज्वाइन कर बतौर जूनियर साइंटिस्ट सेवा देनी शुरू की।