जमशदेपुर(ब्यूरो)। बागबेड़ा रोड नंबर चार में दुर्गा पूजा के आयोजन को लेकर दो गुटों के बीच पिछले एक महीने से चल रहे गतिरोध पर विराम लगता दिख रहा है। धालभूम अनुमंडल दंडाधिकारी पीयूष सिन्हा के निर्देश पर पंडाल निर्माण के लिए भूमि पूजन हुआ। बागबेड़ा थाना एवं पुलिस बल की मौजूदगी में दोनों गुट के लोगों की मौजूदगी में भूमि पूजन हुआ। गुरुवार से दुर्गा पूजा पंडाल निर्माण का कार्य आरंभ होगा।

एसडीओ ने की वार्ता

इससे पूर्व मंगलवार देर शाम एसडीओ ने दोनों गुटों के बीच उत्पन्न विवाद समाधान के लिए वार्ता बुलाई थी। एसडीओ की मौजूदगी में लाईसेंसी पवन ओझा गुट से पवन ओझा एवं अध्यक्ष अनिल सिंह तथा दूसरे खेमे से मुदिता सिंह अपने कुछ समर्थकों संग बैठक में पहुंची थीं। एसडीओ ने दोनों ही गुट के लोगों से शांतिपूर्वक पूजा आयोजन करने को कहा। वहीं कुछ दिन पूर्व दोनों ही गुटों से उपस्थित चार संयोजकों की मौजूदगी में हुए पंचायतनामा के अनुसार ही पूजा आयोजन करने को कहा गया।

विवाद करने वालों को चेताया

लाईसेंसी पवन ओझा को शांतिपूर्वक पूजा आयोजन के लिए पहल करने को कहा गया। एसडीओ ने साफ कहा कि जिन्हें मिलकर पूजा आयोजन करना हो वे आपस में समन्वय बनाकर रहें। वहीं गुटबाजी और विवाद करने वालों को शिकायत मिलने पर सख्ती से निपटने की चेतावनी भी दी।

भूमि पूजन में दोनों गुट शामिल

इधर एसडीओ की अनुमति के बाद लाईसेंसी पवन ओझा ने भूमि पूजन आयोजित किया। भूमि पूजन में दोनों ही अध्यक्ष अनिल सिंह एवं मुदिता सिंह अपने-अपने समर्थकों संग शामिल हुईं। वहीं विवाद की पंचायती के लिए प्रशासन द्वारा बनाई गई कमेटी के चारों सदस्य डीके मिश्रा, अशोक कुमार सिंह, सतीश सिंह और राम सिंह भी शामिल रहे। पुरोहित अनिल मिश्रा ने वैदिक अनुष्ठान पूर्वक भूमि पूजन संपन्न कराया। बतौर यजमान अनिल सिंह ने पूजन किया। भूमि पूजन में लाइसेंसधारी पवन ओझा, अनिल सिंह (अध्यक्ष), मुदिता सिंह (अध्यक्ष), संतोष ठाकुर, दिनेश चंद्र झा, धनंजय सिंह, अभिषेक ओझा, संदीप सिंह, अविनाश सिंह उर्फ सोनू, सुनील गुप्ता, मधु पांडे, सीमा पांडे, केडी मुंडा, मंजू सिंह, महेंद्र सिंह, रघु, राकेश सिंह, चंदन, भोला सिंह, अजीत मिश्रा अजय झा, अजीत सिन्हा, कंचन झा, शारदा देवी, आशा पांडे, मुकेश झा, पार्थ पांडे, प्रशांत पांडे, धीरज मिश्रा, मयंक तिवारी सहित अन्य मौजूद रहे।

क्या है मामला

मालूम हो की पिछले दिनों बागबेड़ा थाना में अंचल अधिकारी अमित श्रीवास्तव की मौजूदगी में पवन ओझा गुट एवं कविता परमार गुट से दो दो अनुभवी और जिम्मेदार लोगों के नाम मांगे गए थे, जिन्हें विवाद समाधान की जिम्मेवारी सौंपी गई थी। इन्हीं चार लोगों ने आपस में बैठक करते हुए अनिल सिंह एवं मुदिता सिंह दोनों को ही अध्यक्ष मनोनीत किया था। वहीं दोनों ही अध्यक्ष को आपस में समन्वय बनाकर कमेटी विस्तार करने को कहा था। बाद में लाईसेंसी पवन ओझा और अध्यक्ष अनिल सिंह ने इस निर्णय का स्वागत किया था, लेकिन दूसरे गुट से कविता परमार, मुदिता सिंह एवं अन्य ने एक बैठक कर उस निर्णय का विरोध किया था और वरीय अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर विरोध जताया था।