जमशेदपुर (ब्यूरो): एमजीएम अस्पताल एक बार फिर से चर्चा में है। एक दिन पहले धालभूम एसडीओ ने अस्पताल का विजिट कर वहां की व्यवस्था का जायजा लिया तो वहां कई अव्यवस्थाएं मिलीं। स्थिति देख एसडीओ काफी नाराज नजर आए। सबसे ज्यादा गंभीर स्थिति मरीजों की देखरेख और सफाई को लेकर हो रही अव्यवस्था की रही। इस गर्मी में गंदगी और गर्मी के कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। इसे देखते हुए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने मंगलवार को एमजीएम अस्पताल का जायजा लिया तो कई तरह की कमियां और खामियां नजर आईं।

क्षमता 500 की बेड 700 से ज्यादा

एमजीएम अस्पताल में 500 बेड स्वीकृत है, लेकिन यहां करीब 700 से ज्यादा बेड लगाए गए हैं। अब केवल बेड के मामले में ही देखें तो अस्पताल में स्वीकृत संख्या से ज्यादा बेड लगाए गए हैं। इमरजेंसी के साथ ही अन्य कई जगहों पर भी ऐसी ही स्थिति है। अस्पताल का कोई भी ऐसा कोना नहीं है, जहां बेड न लगाए गए हों। बेड तो लगा दिए गए, लेकिन वहां सुविधा नहीं दी गई। मरीज परेशान हो रहे हैं। आज भी हमने पाया कि अस्पताल में भर्ती मरीज गर्मी से परेशान है और खुद ही हाथ से पंखा कर गर्मी से बचने का प्रयास कर रहा है। एक्स्ट्रा बेड लगाने के दौरान यह भी नहीं देखा जाता कि बेड कहां लगाया जा रहा है। शौचालय के पास भी बेड लगा दिया गया है, जिससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। अहम बात यह है कि इन जगहों पर कहीं भी पंखे की सुविधा नहीं है और दूसरी ओर गर्मी और दुर्गंध के कारण मरीज परेशान हो रहे हैं।

सही इलाज की सुविधा नहीं

मरीजों की बढ़ती संख्या देख एक्स्ट्रा बेड तो लगा दिए जाते हैं, लेकिन पंखा और अन्य मूलभूत सुविधाओं की सुविधा तो उन्हें नहीं मिलती, समुचित इलाज की सुविधा भी नहीं मिल पाती। डॉक्टर और अस्पताल के दूसरे स्टाफ भी इन मरीजों की ओर सही तरीके से ध्यान नहीं दे पाते। ऐसे में अस्पताल में भर्ती रहने के बावजूद, इन मरीजों को इलाज की उचित सुविधा नहीं मिल पाती।

आधे से ज्यादा पद खाली

एमजीएम हॉस्पिटल में स्टाफ की संख्या में भी काफी कमी है। 500 बेड वाले अस्पताल में 700 से ज्यादा बेड लगाकर काम चलाया जा रहा है। हालांकि 500 बेड वाले अस्पताल के लिए जो पद सृजित हैं, उनमें से आधे से ज्यादा पद खाली पड़े हैं। मरीज पहले से ही परेशान हैं और अब अतिरिक्त बेड बढ़ जाने से व्यवस्था चरमरा गई है।

नर्स के 270 पद, कार्यरत मात्र 23

अस्पताल में रिक्त पदों की बात करें तो यहां नर्स की संख्या काफी कम है। नर्स के स्वीकृत पदों की संख्या 270 है, जबकि मात्र 23 ही कार्यरत है। यही हाल जूनियर और सीनियर रेजिडेंट का है। ड्रेसर तो यहां एक भी नहीं है।

इन विभागों में ज्यादा दबाव

विभिन्न विभाग पर दबाव की बात करें तो इमरजेंसी में 50 बेड की जगह करीब 60 बेड लगे हैं। इसी तरह मेडिसिन में 124 बेड की जगह 135 और गायनिक में 77 बेड की जगह 100 से ज्यादा बेड लगे मिले।

विभागवार बेड की संख्या (प्रमुख विभाग)

आईसीयू/आईसीसीयू - 10

नेत्र - 10

स्किन - 12

आर्थो - 60

इमरजेंसी - 50

बर्न - 20

मेडिसिन - 124

सर्जरी - 125

आइसोलेशन 100

डॉक्टर और अन्य स्टाफ

पद - स्वीकृत - कार्यरत - रिक्त

नर्स - 270 - 23 - 247

ड्रेसर - 20 - शून्य - 20

वार्ड बॉय - 114 - 58 - 56

सीनियर रेजिडेंट - 73 - 37 - 36

जूनियर रेजिडेंट - 87 - 46 - 41

फिलहाल जो व्यवस्था है, इसी को ठीक करने का प्रयास चल रहा है। मरीजों को गर्मी में परेशानी न हो, इसका भी प्रयास किया जा रहा है।

डॉ रविन्द्र कुमार, अधीक्षक, एमजीएमसीएच