--Bio-Medical waste disposal में बरती जा रही लापरवाही

-साकची स्थित लाइफलाइन नर्सिग होम में पाई गइर् अनियमितता

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JAMSHEDPUR : बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल को लेकर बने तमाम रूल्स के बावजूद सिटी में बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद हाल ही में जमशेदपुर नोटिफाइड एरिया कमिटी द्वारा सिटी के नर्सिग होम्स और हॉस्पिटल्स को नोटिस जारी कर उनसे मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल के बारे में जबाव मांगा गया था। इसके जवाब में ज्यादातर नर्सिग होम्स और हॉस्पिटल्स द्वारा मेडिकल वेस्ट का डिस्पोजल रूल्स के अनुसार किए जाने की बात कही गई, लेकिन जेएनएसी द्वारा किए जा रहे फिजिकल वेरिफिकेशन में इन दावों की पोल खुलने लगी है। जेएनएसी द्वारा संडे को साकची स्थित लाइफलाइन नर्सिग होम्स के वेरिफिकेशन के दौरान मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल को लेकर कई अनियमितताएं सामने आयीं।

Nursing home के पीछे फेंका जा रहा bio-medical waste

हॉस्पिटल्स और नर्सिग होम्स से निकलने बायो-मेडिकल वेस्ट कई तरह की डिजीज और इंफेक्शन की वजह बनता है। एन्वायरमेंट पर भी इसके कई साइड इफेक्ट्स होते हैं। बायो-मेडिकल वेस्ट के खतरों को देखते हुए अलग-अलग कैटेगरी के डिस्पोजल के लिए रूल बनाए गए हैं। इन्हें फॉलो ना करने पर फाइन के साथ-साथ सजा का भी प्रावधान है, लेकिन सिटी में इनकी अनदेखी हो रही है। जमशेदपुर नोटिफाइड एरिया कमिटी द्वारा संडे को साकची स्थित लाइफलाइन नर्सिग होम की जांच में मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल को लेकर कई गड़बडि़यां सामने आई हैं। जेएनएसी के हेल्थ ऑफिसर इंचार्ज धनंजय पांडे ने बताया की इंस्पेक्शन के दौरान पाया गया कि वहां बायो-मेडिकल वेस्ट नर्सिग होम के पीछे ही फेंका जा रहा है, साथ ही नर्सिग होम के अंदर सीढि़यों के नीचे भी मेडिकल वेस्ट फेंका गया था। उन्होंने कहा कि इसकी रिपोर्ट तैयार कर ली गई है और इस मामले में नर्सिग होम को नोटिस भेज जवाब मांगा जाएगा।

MGM Hospital से अब तक नहीं मिला जवाब

बायो-मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल को लेकर लापरवाही बरते जाने के मामले में झारखंड ह्यूमन राइट्स कान्फ्रेंस द्वारा झारखंड हाई कोर्ट में फाइल किए गए पीआईएल पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जेएनएसी से सिटी में मौजूद हॉस्पिटल्स, नर्सिग होम्स, क्लीनिक्स, डिस्पेंसरीज, पैथोलॉजिकल लेबोरेट्रीज और ब्लड बैंक द्वारा बायो-मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल की व्यवस्था के बारे में रिपोर्ट मांगा थी। इस आदेश के बाद जेएनएसी द्वारा ब्8 नर्सिग होम्स और हॉस्पिटल्स को नोटिस इश्यू किया गया था, जिनमें करीब ब्0 जगहों से जवाब मिल चुका है। पर जेएनएसी के ऑफिसर्स ने बताया कि अब तक एमजीएम हॉस्पिटल ने कोई जवाब नहीं दिया है।

ख्भ् मई को लाइफलाइन नर्सिग होम का इंस्पेक्शन किया गया था। जांच के दौरान पाया गया कि वहां बायो-मेडिकल वेस्ट नर्सिग होम के पीछे फेंका जा रहा है। नर्सिग होम के अंदर सीढि़यों ने नीचे भी मेडिकल वेस्ट बिखरा पड़ था।

-धनंजय पांडेय, हेल्थ ऑफिसर इंचार्ज, जेएनएसी

नर्सिग होम के पीछे मेडिकल स्टोर से निकलने वाले कचड़ा फेंका जाता है। बायो-मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल के लिए हमने एजेंसी से करार किया है। नर्सिग होम के अंदर डिस्पोजल के लिए भेजे जाने वाला मेडिकल वेस्ट जमा किया जाता है।

-दशरथ कौंटिया, ओनर, लाइफलाइन नर्सिग होम