16 साल को कॉन्सेंसुअल एज मान लेना। टीनएजर्स को इतनी फ्रीडम देना! इंडियन कल्चर और सोसायटी को देखते हुए गवर्नमेंट के इस डिसीजन को सही नहीं कहा जा सकता। झारखंड स्टेट वीमेन कमीशन की चेयरपर्सन हेमलता एस मोहन का कुछ ऐसा ऐसा ही कहती हैं, सेंट्रल होम मिनिस्ट्री के उस प्रपोजल पर जिसके तहत क्रिमिनल लॉ में एमेंडमेंट कर कॉन्सेंसुअल सेक्स की लोअर एज 18 से घटाकर 16 किए जाने की बात गई है। इस बिल को नेक्स्ट वीक पार्लियामेंट में इंट्रोड्यूस किया जाना है।

सिर्फ इसलिए कि इस एज ग्रुप में रेप के केसेस की संख्या बढ़ी है
कंसेंट एज को 16 साल करने पर सोसायटी में मिक्स रिएक्शन्स सामने आ रहे हैं। एडवोकेट और वीमेन कमीशन ने जहां इस स्टेप पर गवर्नमेंट को फिर से सोचने को कहा, वहीं डॉक्टर और साइकिएट्रिस्ट कुछ हद तक इसे सही मानते हैं। सीनियर एडवोकेट राजेश शुक्ला कहते हैं कि सिर्फ इसलिए लॉ में एमेंडमेंट नहीं किया जाना चाहिए कि इस एज ग्रुप में रेप के केसेस काफी संख्या में आ रहे हैं। वीमेन कमीशन की मेंबर वासवी कीड़ो कहती हैं कि हाल की कुछ घटनाओं को ध्यान में रखकर ही गवर्नमेंट ने यह डिसीजन लिया है, जिसका असर कुछ सालों बाद दिखेगा जो शायद निगेटिव ज्यादा होगा। उन्होंने कहा कि 16 साल की एज में सेक्स को लीगलाइज करके गवर्नमेंट खुद को सेफ करना चाहती है।

16 साल की एज में प्रेग्नेंट गल्र्स आती हैं मेरे पास
सिटी की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ रेणुका चौधरी कहती हैं कि आजकल गल्र्स को 9-10 साल की एज में ही मेंस्ट्रुअल स्टार्ट हो जाता है। इसके बाद सेक्स करने में कोई प्रॉब्लम नहीं। उन्होंने का कि जब बच्चों का शरीर जल्दी डेवलप हो जाती है तो उन्हें सेक्स करने से क्यों रोका जाए। वह कहती हैं कि 15 साल की एज में गल्र्स की शादी करा दी जाती है और 16 साल की एज में वे प्रेग्नेंट हो जाती हैं। उनका कहना था कि 16 साल की एज वाले प्रेग्नेंसी के केसेस काफी संख्या में उनके पास आते हैं।

इस एज में गल्र्स मेच्योर नहीं होगी और उसका फायदा लोग उठा सकते हैं

टीएमएच के साइकियाट्रिस्ट डॉ संजय अग्रवाल कहते हैं कि कम एज में ही बच्चों में सेक्सुअल अवेयरनेस आ जाता है इसलिए कंसेंट एज को कम करने में ज्यादा प्रॉब्लम नहीं होगी। कहते हैं कि इस एज में गल्र्स फिजिकली स्ट्रांग तो हो सकती हैं लेकिन वे इमोशनली वीक होती हैं। ऐसे में ज्यादा एज का कोई व्यक्ति कम एज की गर्ल को इमोशनली या फिर अपने पोजीशन के बल पर सेक्स के लिए मजबूर कर सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कंसेंट एज कम करने के साथ ही बिल में यह भी जरूर होना चाहिए।

गवर्नमेंट द्वारा  किए जा रहे इस अमेंडमेंट का मिस यूज हो सकता है। 16 साल की लडक़ी मेच्योर नहीं हो सकती और कोई अथॉरिटी उसका मिसयूज कर सकता है। कंसेंसुअल सेक्स के पार्टनर का एज डिफरेंस ज्यादा नहीं होना चाहिए।
- डॉ संजय अग्र्रवाल, साइकिएट्रिस्ट टीएमएच

Report by: amit.choudhary@inext.co.in