JAMSHEDPUR: नेशनल हाईवे (एनएच)-फ्फ् की स्थिति चांडिल से जमशेदपुर तक काफी खराब है। रोड पर छोटे-बड़े गढ्डे बन गए हैं। इस वजह से बसों का परिचालन भी कम हो गया है। ज्यादातर बसें अब चौका से ही कांड्रा-आदित्यपुर होकर मानगो बस स्टैंड पहुंच रही हैं। एनएच-फ्फ् को फोरलेन बनाने वाली कंपनी मधुकॉन को चांडिल प्रखंड क्षेत्र के जयदा से लेकर पाटा तक वन विभाग से अनापत्ति नहीं प्रमाण पत्र नहीं मिला है। इससे निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप है। उधर, एनएच-फ्फ् की स्थिति जयदा और पाटा में तो और भी दयनीय है। सड़क पर हर कुछ-कुछ कदमों पर गड्ढे बन गए हैं। इससे यातायात पर बुरा असर पड़ रहा है। इसके साथ ही शहरबेड़ा से लेकर कांदरबेड़ा व रामगढ़, बिरीगोडा, आसनबनी और फदलोगोड़ा तक तो सड़क पर कुछ कदम भी वाहन चलाना मुश्किल काम है। इससे दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं।

संसदीय समिति में उठा मुद्दा

उधर, कोयला एवं इस्पात की संसदीय समिति की बैठक में रांची-टाटा एनएच-फ्फ् का मुद्दा उठा। सोमवार को केरल में संसदीय समिति की बैठक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण केअधिकारियों के संग थी। इस बैठक में राज्यसभा सांसद प्रदीप कुमार बलमुचू ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के समक्ष एनएच-फ्फ् की जर्जर स्थिति के बारे में जानकारी दी। तीन वर्ष में भी इस सड़क का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाएगा। इस मौके भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सीजीएम ने कहा कि उनका प्रयास होगा कि जल्द से जल्द सड़क पूरा हो जाए।