छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: रांची से बहरागोड़ा जाने वाले एनएच-33 की हालत गांव की सड़क से भी बद्त्तर हो गई हैं। जिससे इससे चलने वाले लोगों की जान का खतरा पहले से और बढ़ गया है। मार्ग में अधूरी निर्माण पड़ी पुलिया और खतरनाक हो गई है। जहां से निकलने वाले वाहन हिचकोले खाते हुए पहुंच रहे हैं। एनएच-33 का निर्माण का जिम्मा लेने वाली कंपनी मधुकॉन ने सड़क किनारे दो लेन में गिट्टी डाल दी हैं। बारिश में सड़क न बन पाने के कारण पड़ी गिट्टी भी उखड़ रही हैं। मार्ग में सर्विस लेन सिंगल होने से दोनों तरफ के वाहन इसी संकरे मार्ग से निकलने को मजबूर हैं। मार्ग से निकले वाले ट्रक, टैंकर ट्रेलर और अन्य कारें बमुश्किल से 15 से 20 मिलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ पाते हैं।

सड़क पर चलना दूभर

रांची से कोलकाता जा रहे ट्रक ड्राइवर राकेश सिंह ने बताया कि एनएच-33 में इतने गड्ढे हो गए है कि सड़क पर चलना दूभर हो गया हैं। जिससे मेंटीसेंस और टायर घिस रहे है। जिससे ट्रांसपोर्ट का खर्च भी बढ़ रहा है। सड़क खराब होने की वजह से एक घंटे का सफर दो घंटे में पूरा हो रहा है। एनएच 33 के किनारे जिन लोगों की दुकानें या होटल हैं सब इसका निर्माण करने वाली ठेका कंपनी मधुकॉन को कोस रहे हैं। भिलाई पहाड़ी के पास वाहनों के आयल की दुकान चलाने वाले सुशील का कहना है कि मधुकॉन ने एनएच का बंटाधार कर दिया है। एनएच के खराब होने से हमारा धंधा भी बरबाद हो गया है। एक तरफ मिट्टी डाल देने से उनकी दुकानें अब नजर नहीं आतीं।

एनएच किनारे के गड्ढे भी जानलेवा

डिमना चौक से महुलिया तक एनएच-33 की दो लेन बनाने के लिए मधुकॉन प्राईवेट लिमिटेड ने सड़क किनारे से मिट्टी निकाली है। मिट्टी निकालने की वजह से सड़क किनारे बड़े-बड़े तालाब बन गए हैं। इन तालाबों में पानी भरे होने से वाहन चालकों को इनकी गहराई का अंदाजा नहीं लग पा रहा है। लोग बताते हैं कि इन तालाबनुमा गड्ढों में कई बार ट्रक फंस कर हादसे का शिकार हो चुके हैं। लोगों की मांग है कि एनएचएआइ इन गड्ढों को भरा दे ताकि हादसों से बचा जा सके।

एनएच पर डाला जाएगा स्लैग

डिमना चौक से पारडीह चौक के बीच एनएच 33 को चलने लायक बनाने के लिए जिला प्रशासन फिर गड्ढों में स्लैग भरने जा रहा है। महीना भर पहले भी इन गड्ढों में स्लैग भरा गया था। लेकिन, ये स्लैग बरसात में बह गया और अब गड्ढे फिर उभर आए हैं। प्रशासन के आदेश पर एनएच के किनारे स्लैग गिरा दिया गया है। इसकी भराई का काम भी शुरू कर दिया गया है।