मानगो वाटर प्रोजेक्ट में नारेबाजी, हंगामा, हंगामा और तोड़फोड़

-पिछले तीन दिनों से वाटर सप्लाई बंद होने से लोगों का टूटा सब्र का बांध

छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : मानगो इलाके में पिछले तीन दिनों से वाटर सप्लाई बंद कर दिए जाने से गुस्साए लोगों ने मानगो वाटर प्रोजेक्ट में जमकर बवाल काटा। भाजपा नेता विकास सिंह के नेतृत्व में पानी के तमाम कनेक्शनधारी मानगो वाटर प्रोजेक्ट पहुंचे थे। आम लोगों ने जब जुस्को के ऑफिसर्स से बातचीत की तो बताया गया कि सरकार की ओर से पानी का भुगतान नहीं किया गया है। इसीलिए सप्लाई रोक दी गई है। इतना सुनते ही आमलोग और भाजपा कार्यकर्ता गुस्से से आग बबूला हो गए और दफ्तर में रखे कुर्सी, फर्नीचर और कंप्यूटर को उठा-उठाकर पटकने लगे। जवाहर नगर 15 नंबर स्थित वाटर प्रोजेक्ट ऑफिस में दो घंटे तक हंगामा होता रहा। हंगामे का नेतृत्व विकास सिंह, राजेश साहू, आफताब अहमद सिद्दिकी, संतोष चौधरी, विजय ओझा, दुर्गा दत्ता सहित तमाम लोग कर रहे थे।

सरयू राय के हस्तक्षेप से मामला शांत

खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। फोन पर उन्होंने जुस्को के ऑफिसर्स को वाटर सप्लाई करने का निर्देश दिया और भाजपा कार्यकर्ताओं से शांति की अपील की। पानी सप्लाई शुरू होते ही तमाम कार्यकर्ता और आमलोग शांत हुए।

बिना नोटिस के बंद थी सप्लाई

भाजपा नेता विकास सिंह ने बताया कि पानी पर सभी का अधिकार है। स्वर्णरेखा नदी जवाब दे चुकी है। ऐसे में पानी सप्लाई करने वाली ऑथोरिटी जुस्को को पानी बंद करने का कहीं से भी अधिकार नहीं है। पानी बंद करने के एक सप्ताह पहले कम से कम सूचना प्रेषित करना चाहिए था। आम लोगों का गुस्सा लाजिमी है।

क्या कहते हैं आक्रोशित

बिनी किसी सूचना के पानी बंद कर देना उचित नहीं है। इस गर्मी में कम से जुस्को के ऑफिसर्स को इतना तो सोचना ही चाहिए कि गर्मी में पानी बंद नहीं करें।

दुर्गा दत्ता

चारों तरफ पानी के लिए हाहाकार मची है। लेकिन पीएचईडी विभाग के पास इसका कोई जवाब नहीं है। जुस्को के अधिकारियों का अलग जवाब है।

प्रमीला शर्मा

विभागीय उदासीनता के कारण ही पैक्ड पानी का कारोबार फलफूल रहा है। अब तो सिटी में साधारण पानी भी बिकने लगा है।

विजय सिंह

चापाकल और नदी दोनों ने ही जवाब दे दिया है। ऐसे में सप्लाई पानी ही सहारा है। वो भी तीन दिनों से बंद था। जनता का आक्रोश उचित था। बिना लड़े कुछ नहीं मिलता।

रेखा साह

पानी सप्लाई जैसे आवश्यक सेवा को मजाक बना के रख दिया गया है। जब मन करे शुरू कर देंगे जब मन करे बंद हो जाएगा। ऐसा लगता है कि अधिकारियों में डर नाम की चीज ही नहीं है।

बीरेंद्र सिंह

पानी, बिजली जैसे मुद्दों को मजाक बना के रख दिया गया है। बिना पानी के लोग कैसे जिएंगे। तीन दिनों से पानी का दर्शन नहीं हुआ है। लोग गुस्सा नहीं करें तो क्या करें।

विकास सिंह