घर से निकलने में लगता है डर
जब भी लड़कियां घर से निकलती हैैं तो हर वक्त इस बात को लेकर सशंकित रहती हैैं कि कहीं उनका सामना किसी मनचले से न हो जाए। जुबिली पार्क घुमने आयीं लड़कियों से जब वीमेन सेफ्टी पर बात की गई तो उनका गुस्सा व आक्रोश साफ दिख रहा था। एक लडक़ी ने बताया कि कुछ लडक़े उनपर भद्दे-भद्दे कमेंट कर रहे थे। वे लडक़े आपस में बात करते हुए खुद ही डिसाइड कर रहे थे कि कौन सी लडक़ी उनकी गर्लफ्रैंड है। इस वजह से उन लड़कियों को वहां से जाना पड़ा और इस इंसिडेंट के बाद से वो वापस पार्क में नहीं जाना चाहतीं।

नहीं है proper security arrangement
सिटी में सबसे ज्यादा जुबिली पार्क व जू में विजिट करते हैं। पर इस तरह के फेमस हैंगआउट प्लेस पर भी प्रॉपर सिक्योरिटी अरेंजमेंट नहीं है। पिकनिक के दौरान जुबिली पार्क में पुलिस कैम्प बनाया गया था, लेकिन आज यहां पुलिस विजिट तक नहीं करती। ट्यूज्डे को ही अपनी गर्लफ्रैैंड के साथ बैठे युवक की कुछ युवकों ने बुरी तरह पिटायी कर दी थी। लेकिन वहां पुलिस के ना होने ये कुछ ना हो सका। हालांकि सिर्फ पार्क ही नहीं, मार्केट एरियाज में भी सिक्योरिटी के प्रॉपर अरेंजमेंट्स दिखाई नहीं देते।

बाकी parks की भी हालत कुछ ऐसी ही
बात सिर्फ जुबिली पार्क की ही नहीं। सिटी के बाकी पार्कों की भी हालत कुछ ऐसी ही है। टेल्को थीम पार्क में तो लोकल क्रिमिनल टाइप युवकों ने हसबेंड को बांध कर उसकी वाइफ के साथ गैैंग रेप किया था। इस घटना के बाद एसएसपी द्वारा थीम पार्क के साथ ही सभी पार्क में पुलिस सिक्योरिटी देने का दावा किया गया था। लेकिन आज भी सिक्योरिटी के नाम पर कुछ ऐसा दिखाई नहीं देता। यही हाल कुछ डिमना लेक का भी है। वहां भी पुलिस की प्रॉपर पेट्रोलिंग ना होने के वजह से अक्सर किसी ना किसी दुर्घटना के होने कर खबर मिलती रहती है। आए दिन लेक से बॉडी मिलने की घटनाएं सामने आती रहती हैं।

नहीं हो रही घटनाओं की monitoring
छेडख़ानी की घटनाओं पर रोक लगाने को लेकर एंटी-टीजिंग सेल को बेहतर बनाने का दावा किया गया था, लेकिन बेहतरी कहीं दिखायी नहीं दे रही है। हर 15 दिन में इस तरह की घटनाओं की मॉनिटरिंग की बात भी कही गई थी, और सीआईडी में मॉनिटरिंग सेल भी बनाया गया था, लेकिन अब सब कुछ सुधरता हुआ सा नजर नहीं आ रहा। इस संबंध में बात करने के लिए सीआईडी की आईजी व मॉनिटरिंग सेल की इंचार्ज से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनके द्वारा कॉल तक नहीं रिसीव किया गया।

झारखंड अलग होने के बाद हुए करीब 7200 rape incidents
एनसीआरबी के आंकड़ों के हिसाब से स्टेट में महिलाओं पर हुए अपराध के 3283 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें केवल रेप के ही 735 मामले हैैं। झारखंड अलग स्टेट बनने के बाद से यहां रेप के 7191 मामले सामने आए। एनसीआरबी के आंकड़ों से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि झारखंड महिलाओं के लिए कितना सेफ है।

Report by: goutam.ojha@inext.co.in