Special branch ने जारी किया है alert
स्पेशल ब्रांच द्वारा डिस्ट्रिक्ट पुलिस के साथ ही रेलवे को भी अलर्ट जारी किया गया है। इसके तहत इंडिपेंडेंस डे के मौके पर विशेष चौकसी बरतने को कहा गया है ताकि नक्सली अपने मंसूबों को अंजाम न दे सकें। इसके लिए रेलवे ट्रैक के साथ ही पैसेंजर्स की प्रॉपर जांच व सिक्योरिटी टाइट करने का निर्देश दिया गया है।

स्टेशन पर नहीं है कोई security arrangement
इस तरह के मौकों पर सिटी की बजाय रेलवे पर नक्सलियों की नजर ज्यादा रहती है। इससे निपटने के लिए रेलवे पुलिस द्वारा तैयारी करने की बात तो कही जा रही है लेकिन टाटानगर रेलवे स्टेशन और उसके आस-पास के एरिया में ऐसा कुछ नहीं दिखता, जिससे लगे कि अलर्ट जारी होने के बाद या इंडिपेंडेंस डे के मद्देनजर सिक्योरिटी को लेकर रेल पुलिस अलर्ट हुई हो। स्टेशन के इन व आउट गेट पर किसी तरह का कोई सिक्योरिटी अरेंजमेंट नहीं है। यहां जांच के लिए मेटल डिटेक्टर तक नहीं है और न ही पैसेंजर्स के लगेज की जांच की कोई व्यवस्था है। इसके अलावा स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगाए गए हैं।

चक्रधरपुर रेल division में हैं 88 stations
चक्रधरपुर रेल डिविजन में छोटे-बड़े 88 रेलवे स्टेशन हैं। इनमें से ज्यादातर स्टेशन पर आरपीएफ का कोई पोस्ट नहीं है। इंफॉर्मेशन के मुताबिक किसी भी स्टेशन पर इस पोस्ट के लिए रेलवे बोर्ड के ऑर्डर की जरूरत पड़ती है। इस कारण मामला लटका पड़ा है या धीरे-धीरे इस दिशा में कार्यवाही चल रही है।

कई stations हैं नक्सलियों के निशाने पर
चक्रधरपुर रेल डिविजन में से कई ऐसे रेलवे स्टेशन हैैं जो डेंजर जोन में हैं। हालांकि इनमें से कई स्टेशन पर व्यवस्था तो दुरुस्त की गई है, लेकिन पुख्ता अरेंजमेंट नहीं होने के कारण कभी भी कोई इंसिडेंट सामने आ सकता है। इनमें टाटानगर, मोहाली, राजखरसांवा, बंडामुडा, चक्रधरपुर, बड़ाबांबो, मनोहरपुर, लोटा पहाड़, पोसैता, गोइलकेरा, जराइकेरा, भालूलता, बिसरा, राजगांगपुर, सोनाखून, नोवामुंडी, सोनुवा, जामदा, बड़बिल, झींकपानी, पादापहाड़, बांसपानी, जरुली, बरसांवा व पानपोस सहित अन्य शामिल हैं।

Market complex में है बेहतर arrangement
वैसे तो बड़े मॉल व शॉपिंग सेंटर में सुरक्षा के खास इंतजाम नहीं हैं, लेकिन  बिग-बाजार जैसे बड़े शॉपिंग सेंटर में मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं और इससे होकर ही एंट्री दी जाती है। इस कारण यहां की सिक्योरिटी अन्य प्लेसेज की अपेक्षा थोड़ी बेहतर कही जा सकती है।

'मेटल डिटेक्टर आरपीएफ के पास है। उसका ज्वाइंट यूज किया जाता है। जहां तक फोर्स की बात है तो उसका डेप्यूटेशन कर दिया गया है। चेकिंग के साथ ही फोर्स भी बढ़ा दिए गए हैं। जीआरपी का कंट्रोल रूम भी बेहतर काम कर रही है। मैं पल-पल के घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हूं.'
-मृत्युंजय कुमार मित्तू, एसआरपी, टाटानगर

Report by: goutam.ojha@inext.co.in