जमशेदपुर (ब्यूरो): झारखंड राज्य विश्वविद्यालय संविदा शिक्षक संघ के प्रदेश इकाई की बैठक रांची स्थित झारखंड विधानसभा सभागार में हुई। बैठक में मंच के संरक्षक डॉ। कमलेश कुमार कमलेंदु, प्रदेश अध्यक्ष डॉ.राकेश पांडेय, प्रदेश महामंत्री संतोष कुमार एवं प्रो। सुधीर तिवारी सहित राज्य के सभी विश्वविद्यालय के 100 से अधिक संविदा शिक्षक उपस्थित थे।

विभिन्न मुद्दों पर चर्चा

इस बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। कहा गया कि झारखंड सरकार द्वारा हाल ही में एक अधिसूचना जारी की गई है, जिसमें राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में कार्यरत 600 से अधिक आवश्यकता आधारित प्राध्यापकों के पदों को भी रिक्त समझा गया है। सरकार इन पदों पर नियुक्ति हेतु प्रयासरत है। बैठक के माध्यम से झारखंड राज्य संविदा शिक्षक संघ ने राज्य सरकार से 6 वर्ष पूर्व जेपीएससी के माध्यम से पूरी प्रकिया के तहत संविदा पर बहाल 600 से अधिक शिक्षकों के पदों को रिक्त न समझते हुए शेष रिक्त पड़े पदों पर बहाली कि प्रकिया शुरू करने की मांग की है, ताकि संविदा शिक्षकों की जीविका प्रभावित न हो। इसके साथ ही आवश्यकता आधारित शिक्षकों की सेवा यूजीसी के द्वारा सहायक प्राध्यापकों को दी जाने वाली ग्रॉस सैलरी प्रदान करते हुए 65 वर्ष की आयु तक निश्चित करने और आवश्यकता आधारित शिक्षकों की सेवा समायोजित करने की मांग की गई है।

हमें विश्वास है

मंच के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राकेश पांडेय ने कहा कि हमें विश्वास है कि सरकार मांगों को गंभीरता से विचार करेगी और उन्हें न्याय मिलेगा। कहा कि ऐसा नहीं होता है, तो सभी संविदा सिक्षक आंदोलन को बाध्य होंगे। झारखंड राज्य विश्वविद्यालय संविदा शिक्षक संघ के प्रयास से सरकार ने यूजीसी का बेसिक सैलरी प्रदान तो की है, लेकिन उसमें महीना में 64 कक्षा अनिवार्य करने से आवश्यकता आधारित शिक्षकों की समस्याएं सुलझ कर भी घंटी पर ही अटक गई है। मंच संचालन डॉ। श्वेता शर्मा ने किया।

इनकी रही मौजूदगी

बैठक में प्रो। सुदीप्त दास, डॉ जीतू लाल, डॉ उषा सिंह, डॉ प्रशांत कुमार, डॉ ए पी झा, प्रो दशरथ यादव, डॉ मुकेश कुमार, प्रो दशमत किस्कू, प्रो। लक्ष्मण राम, डॉ प्रणिता कुमारी, डॉ पूर्वा दुबे, डॉ.सोनी सिन्हा, डॉ। मीरा कुमारी, डॉ। नम्रता, डॉ बीडी सिन्हा, डॉ दीपक कुमार, डॉ रेखा, प्रो। इंद्रजीत राम, प्रो चितरंजन महतो, डॉ साधना, डॉ रेणु सिन्हा, डॉ फिरदौस जबीन, प्रो अरबिंद प्रसाद, डॉ नूतन रानी, डॉ विश्वनाथ यादव, डॉ मिथलेश कुमार, डॉ सनातन कुमार, डॉ छगन अग्रवाल एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व संगठन मंत्री सुजीत वर्मा सहित सैकड़ों शिक्षक उपस्थित थे।