जमशेदपुर (ब्यूरो): टेल्को निवासी टाटा मोटर्स कर्मी धर्म तिवारी की बेटी पूनम तिवारी ने अपने माता-पिता के साथ ही पूरे शहर का नाम रोशन किया है। पूनम दिव्यांग है, लेकिन उसने जो उपलब्धि हासिल की है, उसमें उसकी दिव्यांगता आड़े नहीं आई। जर्मनी के बर्लिन में पहली बार आयोजित स्पेशल ओलंपिक में टेल्को निवासी पूनम ने बैडमिंटन के सिंगल और डबल्स दोनों कैटेगरी में एक-एक गोल्ड हासिल किया। गोल्ड मेडल हासिल कर शहर लौटने के बाद जनप्रतिनिधि और विभिन्न संस्थाओं द्वारा उसका अभिनंदन और स्वागत किया जा रहा है।

स्पोट्र्स में है रुचि

पूनम तिवारी ने अपनी मैट्रिक तक की पढ़ाई टेल्को स्थित आशा किरण स्कूल से की है। उन्होंने वर्ष 2019 में मैट्रिक की परीक्षा पास की। शुरू से ही पूनम को स्पोर्ट्स में काफी रुचि रही है। इस कारण जेआरडी टाटा स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स में शुरू से वह प्रैक्टिस करती थी। 2-3 बार वह स्टेट लेवल पर भी खेलने जा चुकी हैं।

टाटा स्टील का मिला सहयोग

पूनम के भाई शिवम तिवारी ने बताया कि स्टेट लेवल खेलने के दौरान ही सेलेक्टर्स की नजर उस पर पड़ी। इसके बाद स्पेशल ओलंपिक के लिए उसका सेलेक्शन हुआ। पूनम को खेल में आगे बढऩे में टाटा स्टील का पूरा सहयोग मिला है। टाटा स्टील के सहयोग से वह आगे बढ़ी और दो गोल्ड जीतकर शहर के साथ ही झारखंड का नाम रोशन किया है।

किया बेहतर प्रदर्शन

जमशेदपुर से स्पेशल ओलंपिक में पांच बच्चे गए थे, जिसमें से पूनम ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए सिंगल्स और डबल्स दोनों में गोल्ड मेडल हासिल किया। भाई शिवम ने कहा कि मौका मिला तो उसे 2025 के विंटर ओलंपिक में भेजेंगे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार की ओर से नौकरी की व्यवस्था की गई तो वह आगे भी खेलते रहेगी।