सिटी में अल्ट्रासाउंड सेंटर्स की जांच के लिए चलाए जा रहे अभियान को बड़ी सफलता हाथ लगी। फ्राईडे को सिविल सर्जन विभा शरण द्वारा किए गए एक स्टिंग ऑपरेशन के दौरान सेक्स डिटरमिनेशन करने वाले डॉक्टर को अरेस्ट किया गया। वहीं मानगो में रूल का वॉयलेशन करने वाले एक अल्ट्रासाउंड सेंटर को भी सील किया गया।

स्टिंग में फंसे
सिटी स्थित अल्ट्रासाउंड सेंटर्स में चल रहे इलिगल सेक्स डिटरमिनेशन का पर्दाफाश करने के लिए सिविल सर्जन ने स्टिंग ऑपरेशन का सहारा लिया। इस धंधे में इंवाल्व लोगों को रेड हैंड पकडऩे के लिए ऐसा जाल बुना गया की सामने वाले को खबर तक नहीं हुई।

कैसे हुआ आपरेशन
हेल्थ डिपार्टमेंट की एक स्टाफ डिंपल को इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए चुना गया। डिंपल सात मंथ की प्रेग्नेंट है। इस बात का फायदा उठाकर डिंपल को चार दिन पहले साकची स्थित नंदा एक्स-रे सेंटर भेजा गया। डिम्पल ने वहां जाकर सेक्स डिटरमिनेशन करवाने की इच्छा जाहिर की। यह बात सुनकर वहां के स्टाफ दीपक ने ये काम करवा देने की बात कही। हालांकि, दीपक ने यह काम नंदा एक्स-रे में ना करके साकची गोलचक्कर के पास स्थित सिटी एक्सरे में करवाने की बात कही। इस काम के लिए दीपक ने 5 हजार रुपए की मांग की। डिंपल ने उसे 5 सौ रुपए एडवांस में दिए। पैसे लेकर दीपक ने उसे 4 दिनों बाद टेस्ट के लिए बुलाया।

पकड़े गए रेड हैंड
अपने ऑफिस में किए गए प्रेस कांफ्रेस के दौरान सिविल सर्जन ने बताया की इस सफलता के बाद टीम पूरी तरह तैयार हो गई। फ्राईडे को डिम्पल साढ़े चार हजार रुपए लेकर सिटी एक्स-रे पहुंची। पांच-पांच सौ के इन सभी नोटों पर भी विशेष निशान लगा दिए गए थे। सिटी एक्स-रे के ओनर ने जैसे ही रुपए लिए पहले से ताक लगाए बैठी टीम वहां पहुंची और उसे अरेस्ट कर लिया। टीम में मजिस्ट्रेट के रूप में एसआई आर के शर्मा, सिविल सर्जन डॉ विभा शरण, ड्रग इंस्पेक्टर एस के तिवारी और सिविल सर्जन ऑफिस के स्टाफ रवीन्द्र कुमार मौजूद थे।

अल्ट्रासाउंड सेंटर सील
मानगो के ओल्ड पुरूलिया रोड स्थित स्काईलाइन टॉवर में चल रहे एक अल्ट्रासाउंड सेंटर को भी सील किया गया। डॉ। रीना झा द्वारा चलाए जा रहे इस अल्ट्रासाउंड सेंटर में ना तो रजिस्टर मेंटेन किया जाता था और न ही सिविल सर्जन ऑफिस में फॉर्म जमा किया गया था। इस अल्ट्रासाउंड मशीन का रजिस्ट्रेशन 31 मार्च 2006 को किया गया था। 2007 से यहां पर रजिस्टर नहीं मेंटेन किया जा रहा था।