जमशेदपुर(ब्यूरो)। जमशेदपुर में बेसमेंट को लेकर पिछले कुछ वर्षों में लगातार अभियान चलाया जा चुका है, लेकिन मामले में कोई ठोस बदलाव नजर नहीं आता। आज भी स्थिति जस की तस है। आज हम साकची क्षेत्र की बात करेंगे। साकची मेन रोड हो या अंदरुनी एरिया, हर जगह हाल एक ही है। चाहे कोई भी अपार्टमेंट हो, कुछ को छोड़ दें तो हर जगह नक्शे का उल्लंघन नजर आ रहा है।

व्यापार के लिए यूज हो रहा बेसमेंट

अपार्टमेंट के लिए नक्शा पास करते वक्त उसमें साफ मेंशन रहता है कि बेसमेंट का यूज केवल पार्किंग के लिए ही किया जाएगा, उसका कमर्शियल यूज नहीं होगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। सिटी के प्रमुख इलाकों में कुछ ऐसे भवन भी हैं, जहां पार्किंग की सुविधा ही नहीं है। वहां न तो बेसमेंट नजर आता है और न ही पार्किंग एरिया।

कॉमर्शियल बिल्डिंग पर पार्किंग नहीं

साकची में कई ऐसे अपार्टमेंट हैं, जहां बेसमेंट ही नहीं है। लोग रोड पर पार्किंग करते हैं, तो कई जगह बेसमेंट तो है, लेकिन उसका कमर्शियल यूज हो रहा है। साकची बंगाल क्लब के पास आविष्कार अपार्टमेंट है। इस अपार्टमेंट में टाइटन आई प्लस, सुहागन फैमिली मॉल, हैशटैग कैफे एंड लाउंज, पीटर इंग्लैंड आदि के शो रूम हैं। इसके साथ ही इसमें शांतनु सरकार का आवास भी है।

टॉप फ्लोर पर अस्पताल, पार्किंग नहीं

इतना ही नहीं आविष्कार अपार्टमेंट में अभी एक माह पूर्व ही टॉप फ्लोर पर मेडिसिस्ट ईएनटी अस्पताल खुला है। यहां आने वाले मरीजों के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है। इतनी ही नहीं यह बिल्डिंग पूरी तरह से कमर्शियल है, लेकिन न तो स्टाफ और न ही आने वाले कस्टमर्स या मरीजों और उनके साथ आने वाले लोगों के लिए पार्किंग की कोई व्यवस्था है। अब जेएनएसी द्वारा किस आधार पर भवन निर्माण की अनुमति दी गई और मामले में क्यों कोई कार्रवाई नहीं की जा रही यह समझ से परे है।

मानसी अपार्टमेंट की पार्किंग में सैलून

इसी तरह न्यू बाराद्वारी स्थित मानसी अपार्टमेंट का भी यही हाल है। यहां वाहन बिल्डिंग के बाहर पार्क रहते हैं और पार्किंग में सैलून सहित अन्य दुकानें खुली हैं।

बेसमेंट में बनी हैं दुकानें

साकची में आमबगान के सामने स्थित व्हाइट रोज बिल्डिंग की बेसमेंट का भी कमर्शियल यूज हो रहा है। गौरतलब है कि इस बेसमेंट को 15 मार्च 2011 को सील भी किया गया था। बाद में कुछ बदलाव के बाद सील तो खुली, लेकिन अब भी पार्किंग एरिया में व्यवसाय हो रहा है। भवन के ओनर द्वारा बेसमेंट में दुकानें बनाई गई हैं, इस कारण वाहन पार्किंग एरिया में नहीं पार्क होते, बल्कि रोड पर पार्किंग होती है।

2011 में 534 बेसमेंट हुए थे सील

बताते हैं कि वर्ष 2011 में जमशेदपुर अक्षेस द्वारा करीब 534 बेसमेंट को सील किया गया था। झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद यह कार्रवाई की गई थी। हालांकि बाद में बेसमेंट का पार्किंग के लिए उपयोग करने का शपथ पत्र देने के बाद सील खुले। इसके बाद कुछ महीनों तक सब कुछ ठीक रहा, लेकिन धीरे-धीरे फिर स्थिति जस की तस हो गई।

आम बागान के पास भवनों में ताक पर नियम

इसके अलावा साकची आम बागान के पास कई ऐसे अपार्टमेंट हैं, जिनमें बेसमेंट तो है, लेकिन वहां वाहनों की पार्किंग नहीं होती, बल्कि दुकानें सजती हैं, वहीं कई जगह बेसमेंट में पार्किंग की सुविधा न होने के कारण रोड पर ही वाहन पार्क किए जाते हैं। इस कारण रोड जाम की स्थिति उत्पन्न होती है। साकची आम बागान के पास कई ऐसे रोड हैं, जहां से गुजरना काफी परेशानी का सबब होता है।

ज्यादातर भवनों में पार्किंग नदारद

अगर यहां देखें तो आम बगान के पास के सारे भवन कमर्शियल हैं। यहां रोड के किनारे बिल्डिंग जिसमें कंप्यूटर सॉल्यूशन सहित अन्य दुकानें हैं, वहीं पार्किंग की सुविधा रोड पर है। बेसमेंट में दुकान बनी है। इसी तरह शीतला मंदिर के करीब गोलचक्कर के पास स्थित बिल्डिंग में मोबाइल दुकान डॉय कॉम सहित अन्य दुकान व संस्थान हैं, यहां भी पार्किंग रोड पर ही होती है। इसी तरह लैंडमार्क टावर के बेसमेंट में भी दुकानें बनी हैं। वहीं इंदू भवन की स्थिति भी सभी के जैसी ही है। यहां भी रोड पर ही पार्किंग की सुविधा है।

क्या है नक्शा पास करने की शर्तें

यहां आपको बता दें कि अक्षेस द्वारा बेसमेंट का उपयोग पार्किंग के लिए करने की शर्त पर नक्शा पास किया जाता है, लेकिन बिल्डर द्वारा नियमों की अनदेखी कर निर्माण कार्य किया जा रहा है। इतना ही नहीं कई जगह तो बिल्डर्स खुद से ही बदलाव कर ले रहे हैं और यह सब देखने वाला कोई नहीं है।

पुराने बायलॉज के अनुसार नियम को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। अब हाई कोर्ट के आदेश के बाद ही इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।

-कृष्ण कुमार, स्पेशल अफिसर, जेएनएसी