रांची(ब्यूरो)। स्टूडेंट्स के रहने और मल्टीपरपस इस्तेमाल के उद्देश्य से राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी में करोड़ों की लागत से भवन तैयार किया गया था, लेकिन इस भवन का संचालन आज तक शुरू नहीं हो सका है। दिसंबर 2020 में भवन का सांकेतिक उद्घाटन भी करा दिया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कल्याण मंत्री चंपई सोरेन, सांसद संजय सेठ, विधायक सीपी सिंह के नाम पर यहां शिलापट्ट भी लगाया गया है। लेकिन तीन साल बाद भी इसे किसी इस्तेमाल में नहीं लाया गया है। यहां स्टूडेंट्स तो रहने नहीं आए लेकिन उनके इंतजार में बिल्डिंग कंडम हालत में जरूर पहुंचती जा रही है। इस बिल्डिंग में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगने लगा है। हालांकि, उन्हें रोकने के लिए होमगार्ड के जवान जरूर तैनात किए गए है, फिर भी चोरी-छिपे लोग यहां आकर नशाखोरी कर रहे हैं। नशेबाजों के लिए यह पसंदीदा स्थान बना हुआ है। पांच यूनिट में तैयार इस भवन के एक भाग को छोड़ अन्य सभी में नशाखोरों की अड्डेबाजी रहती है।

2012 में हुआ शिलान्यास

राजधानी रांची में करप्शन का बोलबाला है। हर तरफ सिर्फ लूट-खसोट मची है। आलम यह है कि कोई डेवलपमेंट का काम होता भी है तो वो अधर में ही लटक जाता है। कुछ ऐसा ही हाल हिंदपीढ़ी में बने मल्टीपरपस बिल्डिंग का भी है। करीब 11 साल पहले साल 2012 में इस मल्टीपरपस बिल्डिंग के बनने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। बनकर तैयार होने में इसे आठ साल लग गए। 2023 में बिल्डिंग का उद्घाटन तो कर दिया गया, लेकिन इसका संचालन शुरू होना अब भी बाकी है।

अब रिनोवेशन की दरकार

कल्याण विभाग द्वारा निर्मित मल्टीपरपस बिल्डिंग के निर्माण में करीब 17 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। पांच यूनिट में तैयार इस बिल्डिंग के एक भवन को ट्रेनिंग सेेंटर के रूप में तैयार किया गया है तो वहीं अन्य बिल्डिंग को हॉस्टल बनाने का भी निर्णय लिया गया था। आदिवासी समाज के लोग बताते हैं कि इस बिल्डिंग का निर्माण विशेष रूप से ट्राइबल कार्यक्रमों के लिए ही किया गया था। लेकिन ट्राइबल कार्यक्रम तो दूर किसी भी आयोजन के लिए इसका सदुपयोग नहीं किया गया। अब यहां की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि इसके इस्तेमाल से पहले फिर से इसका रिनोवेशन करना पड़ेगा, जिसमें फिर एक बार लाखों-करोड़ों रुपए खर्च किए जाएंगे। बिल्डिंग में लगे खिड़की-दरवाजे की चोरी हो चुकी है। खिड़की के शीशे तोड़ दिए गए हैं। यहां तक कि वाइरिंग में लगे इलेक्ट्रिक वायर, स्वीच, बल्ब, पंखा, बिजली के मीटर सब कुछ गायब हो चुके हैं।

शाम ढलते ही नशेडिय़ों का जमावड़ा

मल्टीपरपस बिल्डिंग का निर्माण अलग-अलग कल्चरल इवेंट्स और दूसरे आयोजनों के लिए किया गया था। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि यह सिर्फ आज नशेडिय़ों का अड्डा बन कर रह गया है। शाम ढलते ही आसपास के नशेड़ी यहां अड््डेबाजी शुरू कर देते हैं। सिगरेट, गांजा के धुएं से लेकर शराब की बोतलें भी खुलती हैं। लोकल लोगों ने बताया कि कई बार दारू पीने के बाद यहां मारपीट जैसी हालत हो गई। हर दिन शाम में इस जगह पर नशेडिय़ों का जमावड़ा लगता है।

सिक्योरिटी में 10 होमगार्ड जवान

बिल्डिंग की दुर्गति को देखते हुए और यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा न लगे, इसके लिए इस स्थान पर होमगार्ड के दस जवानों की तैनाती की गई है। पांच-पांच जवान अलग-अलग शिफ्ट में ड्यूटी करते हैं। यहां तैनात जवानों ने बताया कि जब से उन्हें तैनात किया गया बिल्डिंग में चोरी की घटनाओं पर विराम लगा है। लेकिन अपराधियों ने सारा कुछ पहले ही चुरा लिया है। अब यहां चुराने के लिए कुछ बचा भी नहीं है। वहीं शाम में नशेडिय़ों का अड्डा लगता है। मना करने पर वे लोग गार्ड से ही उलझने लगते हैं। होमगार्ड के एक जवान ने बताया कि बाउंड्री छोटी है और सामने से पूरा खुला हुआ है। आसानी से असामाजिक तत्व अंदर आ जाते हैं। कई बार उन लोगों ने बाउंड्री के बाहर से पत्थरबाजी भी की है।