रांची (ब्यूरो)। दुमका के रहने वाले 20 वर्षीय रहमूल अंसारी नामक युवक को मैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ अनुज व उनकी टीम ने नई जिंदगी दी है, जिसके बाद युवक ने जन्म के बाद से अब तक पहली बार मुंह खोलने में सक्षम हुआ है। 2 फरवरी को हेल्थ पॉइंट हॉस्पिटल में डॉ अनुज व उनकी टीम ने मरीज की सफल सर्जरी की, जिसके बाद से अब युवक अपना मुंह खोल पा रहा है।

एनेस्थिशिया देना भी मुश्किल

इस संबंध में डॉ अनुज ने बताया कि टेम्पोरोमेंडीबुलर जॉइंट ऐंकलोसिस की ना सिर्फ सर्जरी जटिल होती है, बल्कि ऐसे मामलों में मुंह बंद होने के कारण एनेस्थीसिया देना भी बेहद मुश्किल काम होता है। एनेस्थेटिस्ट डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि इस मरीज के लिए विशेष तौर पर फाइबरऑप्टिक लैरिंगोस्कोप मंगवाया गया, जिसके बाद एनेस्थीसिया दिया जा सका।

5 घंटे चला ऑपरेशन

डॉ अनुज ने बताया कि ऐंकलोसिस के कारण मरीज के नीचे के जबड़ा दोनों तरफ़ उसके खोपड़ी की हड्डी से पूरी तरह से जुड़ गए थे। करीब 5 घंटे तक चले इस ऑपरेशन में नीचे के जबड़े को दोनों तरफखोपड़ी की हड्डी से अलग किया गया और उसके बाद चेहरे की विकृति को भी ठीक किया गया। डॉ अनुज ने बताया कि ऐसे कई मरीज हैं जो उचित जानकारी के अभाव में ऐसी बीमारियों से अभिशप्त जीवन व्यतीत कर रहे हैं। टीम में डॉ अनुज, डॉ ओपी श्रीवास्तव, डॉ राजेश रौशन व हेल्थ पॉइंट ओटी टीम के सदस्य थे।