रांची(ब्यूरो)। झारखंड के 135 बीएड कॉलेजों में सत्र 2021-23 के 2100 सीट अब भी खाली हैं। झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद इन 2100 खाली सीटों को भरने के लिए चार काउंसेलिंग की व्यवस्था की थी। राज्य में बीएड में कुल सीटों की संख्या 13,500 है। बीएड की सीटें नहीं भरने के कारण उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग के निर्देश पर संबंधित कॉलेजों में बची हुई सीटों पर सीधे नामांकन लेने की छूट दे दी गई। इस निर्देश के अनुसार, शैक्षणिक सत्र 2021-23 में राज्य मेधा सूची में से जिन अभ्यर्थियों ने एडमिशन करा लिया है ऐसे अभ्यर्थियों को छोड़कर इच्छुक अभ्यर्थी दो से सात मई 2022 तक संबंधित कॉलेजों में नामांकन के लिए आवेदन दे सकते हैं।

देनी होगी सीएमएल रैंक

अभ्यर्थियों को आवेदन के साथ पर्षद की ओर से दी गई सीएमएल रैंक भी उपलब्ध करानी होगी। सात मई 2022 के बाद संबंधित कॉलेज ऐसे आवेदन के आधार पर मेरिट लिस्ट के अनुसार कोटिवार रिक्ति को लेकर 10 मई 2022 तक सूची जारी करेंगे। इसके बाद अभ्यर्थी नामांकन ले सकेंगे।

दूसरे कॉलेजों में भी नामांकन

यदि इसके बाद किसी अभ्यर्थी का नामांकन इच्छानुसार कॉलेजों में नहीं हुआ और किसी अन्य कॉलेज में सीटें खाली रहती हैं तो वह संबंधित संस्थान में 17 मई 2022 तक नामांकन ले सकता है। इसके लिए सीएमएल रैकिंग का पालन करना अनिवार्य नहीं होगा। नामांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता रखने के लिए सभी कॉलेजों-विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि भी शामिल रहेंगे।

सितंबर 2021 से ही नामांकन

सत्र 2021-23 के लिए सितंबर 2021 से ही नामांकन की प्रक्रिया चल रही है। नामांकन प्रक्रिया में देरी के चलते बीएड कॉलजों में सेशन लगभग 10 माह देर हो गया। मालूम हो कि राज्य के सरकारी और निजी कॉलेजों में वर्ष 2020 में भी कोरोना संक्रमण को देखते हुए पर्षद ने मेरिट के आधार पर विद्यार्थियों को संबंधित बीएड कॉलेजों में नामांकन के लिए अनुसंशा की थी। साथ ही उस समय में भी चार बार काउंसेलिंग के बाद भी राज्य के कई कॉलेजों में सीटें खाली रह गईं। बताया जाता है कि पर्षद द्वारा जिन कॉलेजों के लिए विद्यार्थियों का चयन किया गया ऐसे विद्यार्थी संबंधित कॉलेजों में नामांकन के लिए पहुंचे ही नहीं थे। यही वजह है कि कई कॉलेजों में बीएड की सीटें खाली रह गई थीं।