रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची में ऑटो चालकों से एक बार फिर सख्ती बरतने की तैयारी हो चुकी है। अगले महीने से शहर में बगैर परमिट वाले ऑटो गायब हो जाएंगे। बिना परमिट के ऑटो चलते पाए जाने पर ट्रैफिक विभाग उनपर कार्रवाई करेगा। राजधानी को जाम मुक्त बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। हालांकि सिटी में बिना परमिट के ऑटो चलने पर पहले से ही प्रतिबंध है। लेकिन सभी नियमों को ताक पर रख कर ऑटो ड्राइवर सड़क पर ऑटो चला रहे हैं। करीब पांच हजार ऑटो को राजधानी में चलने के लिए परमिट दिया गया है। लेकिन वर्तमान में बीस हजार से भी ज्यादा सिटी के इन ऑटो चालकों पर नाम मात्र भी कार्रवाई नहीं होती। पूर्व ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग के वक्त सख्ती बरती गई थी। जिसके बाद ऑटो के परमिट की भी जांच तेज की गई थी, लेकिन ट्रैफिक एसपी के जाते ही राजधानी में फिर से ट्रैफिक व्यवस्था धड़ाम हो गई है। हालांकि एक बार फिर से सिस्टम सुधारने की कवायद हो रही है। अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में व्यवस्था में कोई सुधार होता भी है या नहीं।

अवैध ऑटो की भरमार

राजधानी रांची में अवैध ऑटो की भरमार है, जिस सड़क पर नजर जाए उधर ही सिर्फ ऑटो ही ऑटो नजर आता है। सिटी में लगने वाले जाम की सबसे बड़ी वजह ऑटो ही है। बेतरतीब तरीके से ऑटो चलाने और जहां मन हुआ वहा ऑटो खड़े करने के कारण रोड पर जाम की समस्या बढ़ती है। हजारों अवैध ऑटो सड़कों पर दौड़ रहे हैं। ऑटो के खिलाफ रांची ट्रैफिक पुलिस अब सख्ती बरतेगी और बगैर परमिट के चलनेवाले ऑटो के खिलाफ अभियान चलाएगी। रांची ट्रैफिक पुलिस अवैध ऑटो को जब्त करने के साथ उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी करने जा रही है। जुर्माना के तौर पर मोटी रकम वसूली जाएगी। 10 हजार रुपए फाइन का प्रावधान किया गया है।

कबाड़ ऑटो भी दौड़ रहे

कई ऐसे ऑटो भी हैं जो कबाड़ हो चुके हैं। इन ऑटो से पॉल्यूशन भी बढ़ रहा है। राजधानी की आबोहवा खराब हो रही है। ऑटो से निकलने वाला काला धुआं प्रदूषण बढ़ा रहा है। कुछ महीने पहले ऑटो प्रदूषण के लिए भी फाइन किया जाता था। लेकिन यह भी अब बंद हो चुका है। बता दें कि अवैध रूप से शहर में चल रहे ऑटो के कारण प्रदूषण बढ़ गया है। इससे लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है। साथ ही आंखों में जलन भी होती है। यदि अवैध ऑटो पर लगाम लगाई जाए तो प्रदूषण पर भी काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। डीटीओ के आंकडों के अनुसार, राजधानी की सड़कों पर 20,665 अवैध ऑटो सरपट दौड़ रहे हैं। अब इन ऑटो पर शिकंजा कसने की तैयारी हो रही है। बिना परमिट के चलने पर ऑटो चालक पर फाइन किया जाएगा। बार-बार इस गलती को दुहराने पर ऑटो जब्त भी किया जा सकता है।

ऑटो चालकों को दिया है पास

सिटी की अलग-अलग सड़कों पर चलने के लिए ऑटो चालकों को पास दिया गया था। आरटीओ से परमिट लेने वाले ड्राइवर को ही सिर्फ यह पास जारी किया गया था। लेकिन इसकी आड़ में कई ऑटो चालकों ने डुप्लीकेट पास बनवाकर अपनी गाड़ी में चिपका लिया। इतना ही नहीं, कुछ ऑटो चालक डुप्लीकेट परमिट और एक्सपायर परमिट भी अपनी गाड़ी में लगा कर ऑटो चला रहे हैं। लेकिन इसकी जांच न तो परिवहन विभाग, न ट्रैफिक विभाग और न ही नगर निगम कर रहा है। ऑटो चालकों को अलग-अलग रूट के लिए पास दिया गया था। इस नियम का भी पालन ऑटो चालक नहीं कर रहे हैं। किसी और सड़क का पास लेकर दूसरी सड़क पर ऑटो चला रहे हैं।

सीएनजी ऑटो का भी होगा परमिट

शहर की सड़कों पर जल्द ही परमिट वाले सीएनजी ऑटो फर्राटा भरेंगे। रांची की सड़कों पर सीएनजी ऑटो को परमिट देने का निर्णय परिवहन विभाग ने लिया है। रांची में चार हजार से ज्यादा सीएनजी ऑटो के परमिट के लिए आवेदन दिए गए हैं, जबकि रांची नगर निगम क्षेत्र में 2665 सीएनजी ऑटो को परमिट मिलने की उम्मीद है। सरकार के निर्देश के बाद 30 दिसंबर तक परमिट के लिए आवेदन देने की अंतिम तिथि तय की गई थी। अब सभी लोगों को परमिट देने की तैयारी शुरू कर दी गई है। जितने लोगों को परमिट मिलेगा वो लीगल तरीके से सड़क पर सीएनजी ऑटो चलाएंगे। राजधानी की सड़कों पर अभी भी दो हजार से अधिक सीएनजी ऑटो चल रहे हैं। जिन लोगों ने सीएनजी ऑटो खरीद लिया है, उनसे परमिट के लिए आवेदन मांगा गया है। सरकार ने जितने लोगों को परमिट देने का निर्णय लिया है, उससे अधिक लोगों ने आवेदन दिया है।

बनेगी ग्रीन एंड क्लीन रांची

ग्रीन एंड क्लीन रांची अभियान के तहत परिवहन विभाग ने रांची नगर निगम क्षेत्र में सीएनजी ऑटो को चलाने की अनुमति दी है। लेकिन इन ऑटो चालकों को भी परमिट लेना जरूरी है। परमिटधारी सीएनजी ऑटो नगर निगम क्षेत्र के 20 किलोमीटर के दायरे में ऑटो चला सकते हैं। परमिट के अलावा ड्राइविंग लाइसेंस, पाल्यूशन पेपर, गाड़ी के पेपर, नगर निगम रेसिडेंशियल पेपर भी जरूरी है।